झारखण्ड/गुमला–राजकीय कृत प्राथमिक विद्यालय गम्हरिया में बच्चे पढ़ने नहीं सोने और खेलने के लिए विद्यालय आते है. इस बात की पुष्टि तब हुई जब ग्रामीणों के सूचना पर मंगलवार को पत्रकारों की टीम विद्यालय पहुंचा। जहां देखा गया कि बच्चे दरी में सोए हुए है, कुछ बच्चे लट्टू चला रहे थे तो कोई गुल्ली डंडा के अलावा कई अनावश्यक खेल खेल रहे थे. सबसे बड़ी बात यह है कि जिस जगह पर बच्चे सोए हुए थे अनावश्यक खेल खेल रहे थे इन सभी चीजों कोऔ विद्यालय के प्रधानाध्यापक युसूफ खान सहित सहयोगी शिक्षक मजे लेकर देख रहे थे.।पत्रकारों की टीम विद्यालय में आता देख एक शिक्षक बच्चों को समझाने में लग गए की चलो खेलना नही है टिफिन का समय भी लेट है। जबकि विद्यालय के प्रधानाध्यापक अपने कार्यालय की ओर चल दिए ।इस क्रम में विद्यालय का शौचालय में ताला जड़ा हुआ मिला जिस पर शिक्षक से ताला बंद शौचालय में होने की बात पूछी गई तो उन्होंने यह कह कर टाल दिया कि एक शौचालय जाम पड़ा हुआ है जबकि दूसरा का चाबी रखा हुआ रहता है और आवश्यकता अनुसार खोला जाता है। बच्चों से इस संबंध में पूछा गया तो बच्चों द्वारा बताया गया कि वह लोग खुले में मल मूत्र त्याग करते हैं आखिरकार विद्यालय में बच्चों के सही और खराब की देखभाल किनकी जिम्मेवारी है या उक्त विद्यालय में सिर्फ सरकारी शिक्षक वेतन उठाने के लिए आते हैं ।यह गौर करने की बात है। इसके साथ ही जब विद्यालय के किचन में खाना बना रहे सहायिका से पूछा गया कि कितने छात्रों का खाना बन रहा है जिस पर उन्होंने 6 किलो चावल का खाना बनाने की बात कहीं प्रत्येक बच्चों पर 100 ग्राम चावल तय की बात सहायिका द्वारा कही गई। जबकि प्रधानाध्यापक द्वारा बताया गया की 74 बच्चे आए हैं और उनके लिए 7 किलो चावल बनाया गया है। इन दोनों की अलग-अलग जानकारी से यह स्पष्ट होता है कि बच्चों के खाना में दी जाने वाले आहार की मात्रा सिर्फ नाम के लिए सरकार तय की है ।इसके साथ ही सोमवार को मकर संक्रांति की छुट्टी रहने के कारण बच्चों को अंडा नहीं मिल पाया क्योंकि विद्यालय बंद था ।जबकि मौखिक आदेश के अनुसार शिक्षकों द्वारा छुट्टी होने के कारण दूसरे दिन अंडा देने का प्रावधान किया गया है बावजूद इस और प्रधानाध्यापक द्वारा किसी भी तरह का ध्यान नहीं दिया गया। सारी जवाब देही खाना बनाने वाले संयोजिका के ऊपर मढं दिया गया। आखिरकार बच्चों के मिलने वाले निवाले पर भी शिक्षक और अन्य कर्मियों की नजर पड़ी हुई है। यह देखने की बात है। क्योंकि उक्त दिन अंडा नहीं मिलने से उक्त अंडा दूसरे दिन बच्चों को दिया जाना था।
*विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने कहा*
इस संबंध में प्रधानाध्यापक युसूफ अंसारी से पूछे जाने पर पहले तो वह आग बबूला हो उठे इसके बाद उन्होंने कहा कि मैं बहुत ही ईमानदार हूं बच्चों को अंडा नहीं मिला है वह छुट्टी रहने के कारण संयोजिका खरीद नहीं पाई पैसे का भी अभाव है मैं अपना पैसा लगाकर सब करता हूं अंडा दूसरे दिन खिलाया जाएगा इसके साथ ही थोड़ी देर के लिए बच्चों को खेलने की छूट दी गई थी सहित कई अन्य बिंदुओं पर गोल मटोल जवाब देते नजर आए। इसके साथ उन्होंने जिला के शिक्षा प्रसार पदाधिकारी से दूरभाष पर खुद बात करने की बात कह कर खुद को पूछे जाने वाले प्रशन से अलग कर दिया ।
*जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा*
इस संबंध में डीएससी गुमला से दूरभाष पर पक्ष पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आप लोगों द्वारा मुझे यह जानकारी प्राप्त हुई है शिक्षा प्रसार पदाधिकारी घाघरा को निर्देश देकर जांच कराई जाएगी और जांच में बातों की सत्यता सामने आने पर निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी