रांची। मकर संक्रांति के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपने आवास पर गायों को चारा खिलाते हुए एक तस्वीर चर्चा में रही। इसी प्रकार की एक तस्वीर पिछले दिनों सोशल मीडिया में भी चर्चा का विषय बनी। यह तस्वीर है रांची की प्रसिद्ध ऑर्थो डेंटिस्ट डॉ. मीनाक्षी सिंह की। तस्वीर के साथ साझा किये गए वीडियो में वह गिर नस्ल की गायों के साथ अपने फार्म हाउस में किसी अनुभवी गौ पालक की तरह निर्देश देती हुई नजर आ रही है। पेशे से दन्त चिकित्सक डॉ. मीनाक्षी सिंह ने रांची के बुढ़मू में अपना खुद का डेयरी फार्म विकसित किया है। यह डेयरी फार्म गिर नस्ल की गायों का फार्म है। गिर गाय भारतीय सनातन परंपरा की प्रतिक है। इनसे मिलने वाला दूध भी उच्च कोटि का होता है। डॉ. मीनाक्षी अपने फार्म की गायों से जुड़े खान पान,चिकित्सा,समय पर ब्रीडिंग,गायों की खरीद जैसे कार्य अपने अनुभव के आधार पर करती हैं।
नंदिनी डेयरी गिर गाय का बोतल बंद दूध, डब्बाबंद पेड़े, घी ग्राहकों तक होम डिलीवरी सेवा के जरिये पहुँचाने का कार्य भी करता है। यहां अभी 30 गिर गायें हैं। पशुओं के खाने और पीने से जुड़ी सभी चीजों की आपूर्ति फार्म के अंदर ही मुहैया करायी जाती है। ऑर्गेनिक तरीके से उगाये गए धान, मक्के , हरी घास , तालाब से निकाला गया साफ़ पानी ही पशुओं को दिया जाता है।
इस विषय पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि ” डेयरी फार्म में केवल गिर नस्ल की ही गायें है। यह अपने आप में अनूठा प्रयोग है। फार्म में ही गायों के खाने के लिए दिया जाने वाला हरा चारा और सामग्री लगाया जाता है। सभी चीजें ऑर्गेनिक तरीके से उपजायी जाती है। साफ़ सफाई और केमिकल युक्त कोई भी अनाज इन गायों को नहीं दिया जाता है। फार्म की सभी गायें गुजरात से लायी गयी है। सभी गायों का वैक्सीनशन और नियमित जाँच भी समय समय पर किया जाता है। डायरी की गायों की नियमित जाँच के लिए पशु चिकित्सक भी आते रहते हैं। वर्तमान में डेयरी से गिर गायों से निकाले गए दूध से बने पेड़े और घी की काफी डिमांड है।
डॉक्टरी पेशे में होते हुए पशुपालन और डेयरी से जुडने के सवाल पर उनका कहना था ” यह कार्य बिजनेस करके, पैसे कमाने के उद्देश्य से शुरू नहीं किया गया है। नंदिनी डेयरी स्थापित करने का आईडिया के पीछे गो रक्षा का संकल्प, सनातन परंपरा सहेजने और दूध जैसे प्राथमिक आवश्यकता की वस्तु को मिलावट रखना है।
डॉ. मीनाक्षी का बताती हैं मेरे पति डॉ. अभिषेक कुमार सिंह नेत्र रोग विशेषज्ञ है और मैं दंत चिकित्सक। हम दोनों दंपत्ति चिकित्सीय पेशे से जुड़े है। दोनों की अध्यात्म में गहरी रूचि है। समाजसेवा और अध्यात्म हमारे दिनचर्या का भाग है। हमारे अस्पताल में आने वाले कई मरीजों का निः शुल्क इलाज भी किया जाता है। पति ड़ॉ. अभिषेक ने तो चतरा और लातेहार जिले में चिकित्सीय सहयता पहुँचाने और स्वास्थ्य सुविधा को लेकर एक अभियान भी चला रखा है। अपने हॉस्पिटल में आने वाले मरीजों के अनुभव के आधार पर हम ने यह अनुभव किया किया की अधिकांश बीमारियों के प्रारंभिक लक्षण में गलत खान पान और जीवनचर्या शामिल है। आज मरीज मानसिक रूप से ज्यादा बीमार है। शारीरिक दुर्बलता भी बीमारियों को आमंत्रण देने का एक प्रमुख कारण बन चुका है।
नंदिनी डेयरी फार्म को लेकर डॉ. मीनाक्षी की सोच भी बिलकुल अलग है वह कहती है नंदिनी फार्म को एक आध्यात्मिक और पर्यटक क्षेत्र के रूप में विकसित करना है। इस फार्म में एक मंदिर स्थापित किया जा रहा है जहां सुबह – शाम भजन और मंत्रोचार किया जायेगा , फार्म में विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे लगाए गए है। पालतू पशुओं को भी रखा गया है। यह सब यहाँ आने वाले बुजुर्ग, बच्चों और युवाओं को अध्यात्म, पर्यावरण और सामाजिक मूल्यों की जानकारी देने का भी कार्य करेगा। प्राप्त हो। फार्म के अंदर कृषि कार्य, मछली पालन, किसानों को प्रशिक्षण भी देने का कार्य किया जाता है।