
न्यूज स्केल डेस्क
रांची/चतरा। प्रकृति से प्रेम और लोक आस्था का प्रतीक, छठ महापर्व की कई परंपराएं हैं। हालांकी इस महा पर्व की कई परंपराएं है तो अलग-अलग मान्यताएं भी हैं। इस दिन भगवान सूर्य और माता षष्ठी देवी की विशेष पूजा की जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार छठ पूजन से सुख-समृद्धि, धन, वैभव की प्राप्ति होती है। चार दिवसीय छठ पूजा में प्रत्येक दिन विभिन्न परंपराएं निभाई जाती हैं। ग्रंथों और पौराणिक कथाओं में छठ पूजा के महत्व को बताया गया है। इस माहपर्व की विशेष परंपरा है की लोग मांगकर खाते हैं प्रसाद। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार छठ पूजा के पर्व में प्राकृतिक पकवानों और मिठाइयों का बड़ा महत्व होता है। इसलिए छठ पूजा में प्रसाद के रूप में फल-फूलों का प्रयोग अधिक होता है। छठ पूजा पर भक्त एक-दूसरे से प्रसाद मांगकर ग्रहण करते हैं। ऐसा माना जाता है कि छठ का प्रसाद मांगकर ग्रहण से भगवान सूर्य और देवी षष्ठी के प्रति भक्तों की आस्था प्रकट तो होती ही है, प्रसाद मांगकर लेने से मान-सम्मान बढ़ता है और दुर्गुण समाप्त होते हैं, इसलिए छठ का प्रसाद मांगकर लेने में कोई भी संकोच नहीं करता है। लोग कहते हैं इससे छठी मैया और भगवान सूर्य देव प्रसन्न होकर आशीर्वाद प्रदान करते हैं तथा सुख समृद्धि हमेशा बनी रहती है।