नए संसद भवन का उद्घाटन 28 को, चेन्नई से पहुंचे महंत ने प्रधानमंत्री मोदी को सौंपा सुनहरा राजदंड (सेंगोल), नए संसद भवन में रखा जाएगा

newsscale
7 Min Read

नई दिल्ली। नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई 2023 के दोपहर 12 बजे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। जिसकी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। विभिन्न राज्यों से मेहमानों का आगम भी शुरू हो चुका है। शनिवार को चेन्नई के धर्मपुरम अधीनम के 25 महंत दिल्ली पहुंचे और सुनहरा राजदंड (सेंगोल) प्रधानमंत्री को सौंपा। जिसे नए संसद भवन में रखा जाएगा। साथ ही महंतों ने पीएम मोदी को विभिन्न मठों का प्रसादम भी दिया। इसके उपरांत पीएम ने महंतों से भेंट की और संबोधित भी किया। इस दौरान पीएम ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत की आजादी में तमिल लोगों के योगदान को वह महत्व नहीं दिया गया, जो दिया जाना चाहिए था। अब भाजपा इस मुद्दे को उठाने का प्रयास किया है। पीएम ने आगे कहा कि तमिल परंपरा में शासन चलाने वाले को सेंगोल दिया जाता था, सेंगोल इस बात का प्रतीक था कि उसे धारण करने वाले व्यक्ति पर देश के कल्याण की जिम्मेदारी है। वह कभी कर्त्तव्यपथ से विचलित नहीं होगा।

नए संसद भवन में सेंगोल को स्थापित किया जाएगा

अधीनम के इस सेंगोल ने भारत को सैकड़ों वर्ष की गुलामी के हर प्रतीक से मुक्ति दिलाने की शुरुआत कर दी थी। जब भारत की आजादी का क्षण आया तब यह सेंगोल ही था कि गुलामी वाले कालखंड और आजादी के कालखंड को आपस में जोड़ दिया था। पीएम ने कहा अच्छा होता कि आजादी के बाद इस सेंगोल को पर्याप्त मान सम्मान दिया जाता, लेकिन यह सेंगोल प्रयागराज में, आनंद भवन में यानी पैदल चलने में सहारा देने वाली छड़ी कहकर रख दिया गया था। अब आपका यह सेवक और हमारी सरकार उस सेंगोल को आनंद भवन से निकालकर लाई है। लोकतंत्र के मंदिर में आज उसका उचित स्थान मिल रहा है। भारत की महान परंपरा के उसी सेंगोल को संसद भवन में स्थापित किया जाएगा।

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, नई संसद हमारी संस्कृति और आधुनिकता के मिलन का अप्रतिम उदाहरण है।

नए संसद भवन के उद्घाटन के विरोध में जेडीयू नेता रविवार को दिनभर उपवास करेंगे।

डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने कहा, ये सपना हमने आज से 35 साल पहले नरसिम्हा राव की सरकार में देखा था। हमने पीएम के साथ नक्शा भी बनाया था। तब हमसे तो हो नहीं पाया, लेकिन अब बना है तो उसका स्वागत करना चाहिए। मैं विपक्ष के बहिष्कार के खिलाफ हूं।

बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने संसद की नए भवन को लेकर शनिवार को कहा संसद भवन अलग से बनाने की क्या जरूरत थी। पुराने भवन को ही ठीक करवाना चाहिए था। मैं इसके खिलाफ हूं। कल के कार्यक्रम में नहीं जाऊंगा। वहां जाने की कोई जरूरत नहीं है।

नए संसद भवन के अंदर की तस्वीरें शनिवार को जारी की गई हैं। कल इसका वीडियो सामने आया था। नए संसद भवन में देश के हर क्षेत्र की झलक देखने को मिलेगी। इसकी फ्लोरिंग त्रिपुरा के बांस से की गई है। कालीन मिर्जापुर का है। लाल-सफेद सैंड स्टोन राजस्थान के सरमथुरा का है। वहीं निर्माण के लिए रेत हरियाणा के चरखी दादरी से और भवन के लिए सागौन की लकड़ी नागपुर से मंगाई गई है।

भवन के लिए केसरिया हरा पत्थर उदयपुर, लाल ग्रेनाइट अजमेर के पास लाखा और सफेद संगमरमर राजस्थान के ही अंबाजी से मंगवाया गया है। लोकसभा और राज्यसभा की फाल्स सीलिंग में लगाई गई स्टील की संरचना दमन-दीव से मंगाई गई है। वहीं, संसद में लगा फर्नीचर मुंबई में तैयार किया गया। पत्थर की जाली का काम राजस्थान के राजनगर और नोएडा से करवाया गया।

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बनी संसद की नई बिल्डिंग प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसका निर्माण जनवरी 2021 में शुरू हुआ था। इसे 28 महीने में बना लिया गया।

संसद के बाहर लगा अशोक चक्र इंदौर का, प्रतीक चिह्न अशोक स्तंभ के लिए सामग्री महाराष्ट्र के औरंगाबाद और राजस्थान के जयपुर से मंगवाई गई। वहीं लोकसभा-राज्यसभा की विशाल दीवार और संसद के बाहर लगा अशोक चक्र इंदौर से मंगाया गया है।

पत्थर की नक्काशी का काम आबू रोड और उदयपुर के मूर्तिकारों ने किया है। पत्थर राजस्थान के कोटपूतली से लाए गए। फ्लाई ऐश ईंटें हरियाणा और उत्तर प्रदेश से मंगवाई गईं, जबकि पीतल के काम और सीमेंट के बने-बनाए ट्रेंच अहमदाबाद से लाए गए।

लोकसभा और राज्यसभा स्पीकर की सीट के पीछे विशाल अशोक चक्र है। लोकसभा के कालीन पर मोरपंख की डिजाइन है। ऐसी ही प्रतीकात्मक डिजाइन सदस्यों के डेस्क पर बनी है। हर डेस्क पर स्क्रीन लगी हैं।

पीएम श्री मोदी ने माय संसद माय प्राइड हैश टैग के साथ वीडियो शेयर करते हुए लिखा-नई संसद हर भारतीय को गौरवान्वित करती है। यह वीडियो संसद की भव्यता को दर्शाता है। लोगों से अपील की कि अपने विचारों और वॉयस ओवर के साथ इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करें। इनमें से कुछ अच्छे वीडियो को वे रीट्वीट करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट का याचिका पर सुनवाई से इनकार

संसद के उद्घाटन को लेकर दायर जनहित याचिका सुनने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। शुक्रवार को दो जजों की बेंच ने याचिका देने वाली वकील को फटकार लगाई। कहा कि हम जानते हैं कि याचिका दायर करने का मकसद क्या है। क्या हमें समझ नहीं आता कि आप ऐसी याचिकाएं क्यों लेकर आते हैं? अनुच्छेद 32 के तहत इस पर विचार करने में हमारी कोई दिलचस्पी नहीं है। इसके बाद वकील ने याचिका वापस ले ली।

25 दल होंगे शामिल, 20 विपक्षी पार्टियों ने किया बहिष्कार

कांग्रेस समेत 20 विपक्षी पार्टियों ने उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का ऐलान किया है। विपक्ष का कहना है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दरकिनार कर प्रधानमंत्री से इसका इनॉगरेशन कराने का निर्णय न केवल गंभीर अपमान है, बल्कि यह लोकतंत्र पर भी सीधा हमला है। वहीं भाजपा समेत 25 पार्टियां उद्घाटन समारोह में शामिल होंगी।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *