सिमरिया (चतरा)। झारखंड मुक्ति मोर्चा नेत्री प्रेम लता चंद्रा के अवास पर मंगलवार को 1971 भारत पाक युद्ध में शहीद हुए अमर शहीद माइकल मिंज की विधवा पुत्र वधु पुष्पा एक्का पहुंची। उन्होंने अपनी आपबीती सुनाई। जिसपर झामुमो नेत्री ने दुःख व्यक्त करते हुए कहा जिस व्यक्ति ने अपनी जान देश के लिए न्योछावर कर दी, जिसे भारत सरकार के द्वारा 16 दिसंबर 1999 को सर्वाेच्च बलिदान से पुरस्कृत किया गया। उस शहीद माइकल मिंज के परिवार वाले आज भी सरकारी अव्यवस्था का दंश झेल रहे हैं। परिवार को कोई सरकारी या अर्द्ध सरकारी सुविधा नहीं मिल पाई है। न ही सरकार द्वारा दी जाने वाली जमीन मिल पाई है। हर मुमकिन जगह गई, हर सरकारी पदाधिकारी के पास कागज़ात ले फ़रियाद की लेकिन नतीज़ा ढ़ाक के तीन पात रहा। इनकी अपनी जो जमीन है उस पर भी दबंगों ने कब्ज़ा जमा रखा है। 2017 में इनके पति अजय मिंज की भी हत्या कर दी गई। लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। कितने जगहों पर तो इन्हें घर या दफ़्तर में घुसने भी नहीं दिया गया। वर्तमान मुख्यमंत्री कार्यालय के आदेश को भी अनदेखी कर रही है ज़िला प्रशासन। बिहार झारखंड तो अलग अलग हो गए लेकिन इनके अस्तित्व का क्या.. धुंध में खो गया….हाय रे… व्यवस्था जब शहीद के परिवार की ये हालात है तो औरों के क्या। श्रमती चंद्रा ने व्यथा सुनने के बाद कहा की हमसे जितनी भी होगा हरसंभव मदद करेंगे।