नशे के खिलाफ महायुद्ध शुरू, जिला स्तरीय कार्यशाला में उपायुक्त व एसपी ने कहा अवैध अफीम की खेती पर अब सीधी संपत्ति जब्ती और जेल की सजा, गांव-गांव चलाया जाएगा विशेष जागरूकता अभियान, मुखिया-जनप्रतिनिधियों को सौंपी गई निगरानी की जिम्मेदारी, कहा संदिग्ध गतिविधियों पर तुरंत दें सूचना

NewsScale Digital
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चतरा। जिले में नशे और अवैध अफीम की खेती के खिलाफ अब युद्धस्तर पर कार्रवाई शुरू हो चुकी है। जिला मुख्यालय स्थित डीएमएफटी भवन में शनिवार को आयोजित जिला स्तरीय कार्यशाला में उपायुक्त कीर्तिश्री जी और पुलिस अधीक्षक सुमित कुमार अग्रवाल ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी की अब केवल चेतावनी नहीं, सीधी कार्रवाई होगी। अफीम की खेती करने वालों की संपत्ति जप्त की जाएगी और जेल भी जाएंगे। कार्यशाला में जिले के तमाम वरीय पदाधिकारी, पंचायत प्रतिनिधि व जनप्रतिनिधि शामिल थे। इस दौरान एनडीपीएस एक्ट, मादक पदार्थों की पहचान, नशे के सामाजिक प्रभाव और पुनर्वास को लेकर विशेषज्ञों ने अहम जानकारियां दीं। मौके पर सभी प्रतिनिधियों और अधिकारियों को नशे से दूर रहने और नशा मुक्त समाज के निर्माण की शपथ दिलाई गई। उपायुक्त ने कहा कि अवैध अफीम की खेती समाज और कानून दोनों के लिए गंभीर अपराध है। अब बर्दाश्त की कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि गांव-गांव अभियान चलाकर लोगों को नशे के खिलाफ जागरूक करें। वहीं पुलिस अधीक्षक सुमित कुमार अग्रवाल ने कहा कि पुलिस ने नशे के नेटवर्क पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है और लगातार नशे के कारोबारियों के विरुद्ध सख्त करवाई किया जा रहा है। गुप्त निगरानी और सूचना तंत्र को सक्रिय किया गया है। जो भी अफीम की खेती या मादक कारोबार में लिप्त पाया जाएगा, उस पर प्राथमिकी दर्ज कर संपत्ति जब्त की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय मुखिया, वार्ड सदस्य और आम नागरिक नशे के खिलाफ सैनिक बनें और प्रशासन को संदेहास्पद गतिविधियों की सूचना दें। ज्ञात हो कि चतरा जिले के गिद्धौर, पत्थलगड़ा, सिमरिया और टंडवा इलाके में नशे के कारोबारियों के विरुद्ध सर्वाधिक कार्रवाई की गई है। कार्यशाला का उद्देश्य जिले में अवैध अफीम उत्पादन को रोकना, मादक और प्रतिबंधित दवाओं के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाना और इस विषय पर संबंधित अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षित और संवेदनशील बनाना था। यह कार्यशाला राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय नशा विरोधी नीति के प्रभावी क्रियान्वयन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस अवसर पर जिले के वरीय पदाधिकारी, सभी विभागीय कार्यालय प्रधान, जिला परिषद सदस्य, मुखिया, सभी पंचायतों के मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी और कर्मी, पंचायत प्रतिनिधि और अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे। कार्यशाला में उपस्थित जनप्रतिनिधियों को शॉल ओढ़ाकर नशा विरोधी अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया। इस अवसर पर अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने चतरा को अफीम और अन्य अवैध मादक पदार्थों से मुक्त करने का संकल्प लिया।

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