महाकुंभ 2025 में प्रयागराज के गंगा और यमुना के संगम तट पर पवित्र स्नान के लिए उमड़ रहे हैं लाखों श्रद्धालु

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उत्तर प्रदेश में 12 वर्ष बाद आयोजित महाकुंभ 2025 के शुरुआत के साथ ही लाखों श्रद्धालु प्रयागराज के गंगा और यमुना के संगम तट पर पवित्र स्नान के लिए उमड़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने आज सोमवार को बताया कि महाकुंभ के पहले दिन ‘अमृत स्नान’ के अवसर पर अब तक लगभग 1 करोड़ श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार संगम पर आ रही है। सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मी तैनात हैं और ड्रोन के माध्यम से पूरे क्षेत्र की निगरानी की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि सुरक्षा के लिए अंडरवाटर ड्रोन का भी उपयोग किया गया है। डीजीपी ने कहा कि प्रयागराज और आसपास के क्षेत्रों में अब तक किसी अप्रिय घटना की कोई सूचना नहीं मिली है। मुख्यमंत्री कार्यालय और वरिष्ठ अधिकारी लगातार स्थिति पर नजर रख रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि सड़क मार्ग से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए परिवहन विभाग की व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही है।

श्रद्धालुओं की सुविधा का महाकुंभ में रखा जा रहा खास ध्यान

गौरतलब है कि प्रयागराज में 10,000 एकड़ क्षेत्र में फैला महाकुंभ 2025 का आयोजन दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है। यह भव्य आयोजन 45 दिनों तक चलेगा। सरकार ने इस महाकुंभ के लिए विशेष व्यवस्थाएं कीं हैं। इनमें 1.5 लाख शौचालय, 15,000 सफाई कर्मचारी और मेला क्षेत्र में 1.5 लाख टेंट शामिल हैं। पूरे क्षेत्र को रोशन करने के लिए 69,000 एलईडी लाइटें और सोलर हाइब्रिड स्ट्रीट लाइटिंग की व्यवस्था की गई है। भीड़ प्रबंधन के लिए 2,750 कैमरे और 24/7 इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाए गए हैं। मेला क्षेत्र में 10 डिजिटल खोया-पाया केंद्र और 1,800 हेक्टेयर में पार्किंग की सुविधा प्रदान की गई है। इसके अलावा, 25,000 कर्मचारी व्यवस्थाओं को संभालने में लगे हुए हैं। महाकुंभ में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए 10,000 से अधिक पुलिसकर्मी और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल ने संगम क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए वाटर एम्बुलेंस तैनात की है। यह एम्बुलेंस 24 घंटे उपलब्ध रहेगी और इसमें डॉक्टर और एनडीआरएफ कर्मी मौजूद रहेंगे।

महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलेगा। प्रमुख स्नान तिथियों में 14 जनवरी (मकर संक्रांति), 29 जनवरी (मौनी अमावस्या), 3 फरवरी (बसंत पंचमी), 12 फरवरी (माघी पूर्णिमा) और 26 फरवरी (महाशिवरात्रि) शामिल हैं। हर 12 साल में होने वाले इस आयोजन में इस बार करीब 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। पहले ही दिन संगम में 1 करोड़ लोगों ने स्नान किया। महाकुंभ भारतीय संस्कृति और आध्यात्म का प्रतीक है और श्रद्धालु पूरे देश से यहां आ रहे हैं।

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