न्यूज स्केल डेस्क
रांची। झारखंड राज्य आजीविका पीआरपी, बीएपी संघ के बैनर तले JSLPS एवं विभाग के प्रति विरोध प्रदर्शन को लेकर झारखंड के सभी पीआरपी, बीएपी आक्रोशित दिखे। संघ के राज्य अध्यक्ष मुन्ना कापरी बताते है कि जनवरी माह में किये विरोध प्रदर्शन के बाद JSLPS के द्वारा 18 जनवरी 2024 को पत्रांक 133 निकालते हुए हमारी मांगो पर अतिशिघ्र उचित सकारात्मक पहल का लिखित आश्वासन दिए। परन्तु विभाग से संपर्क करने पर भी किसी प्रकार का कोई प्रतिक्रिया नही दिया जाता था। राज्य के सभी पीआरपी बीएपी की सहमति बनी और 27 फरवरी को काला बिल्ला के साथ प्रदर्शन किया गया। साथ ही 28 फरवरी को कलम बंद विरोध प्रदर्शन और 29 फरवरी को राज्य के सभी पीआरपी, बीएपी सामूहिक अवकाश में रहेंगे। इस पर भी विभाग कोई पहल नही करती है तो मार्च माह से सभी राज्य कार्यालय के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना को बाध्य होंगे। राज्य के कार्यकारिणी अध्यक्ष नारायण महतो बताते है कि हमारी बुनियादी चार सूत्री मांग को लेकर JSLPS विभाग से साथ ही विभाग के मंत्री के साथ सैकड़ो बार पत्राचार के बाद भी आज तक हमारे अधिकारों से वंचित रखा गया है। सभी पीआरपी, बीएपी के जीवन के साथ JSLPS खिलवाड़ कर रहा है। और तमाम अधिकारी, मंत्री तानाशाह होकर लोकतंत्र को खतरे में डाल रहे है। यदि हमारी मांग को पूर्ण नही किया जाता है तो संघ मजबूर होकर उग्र आंदोलन करेगी। राज्य सचिव मुस्तकीम रज़ा और कोषाध्यक्ष ऋचा देवी का कहना है कि विभाग महिलाओं के उत्थान के लिए, शशक्तिकरण के लिए हम सभी को जवाबदेही देते है कि सभी महिलाओं एवं उनके परिवार को आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक रूप से मजबूत करना है परंतु JSLPS में कार्यरत पीआरपी, बीएपी जिसमे अधिकतर महिलाएं कार्यरत है उनके साथ सरकार एक सामान कार्य के बदले समान वेतन भी न देकर शोषण कर रही है। इस सम्मिलित विरोध प्रदर्शन में झारखंड के सभी जिले के 850 पीआरपी, बीएपी शामिल होकर समर्थन दिए।
लिखित आश्वासन के बाद भी मांग पर नही हुआ पहल, विरोध को हुए विवश
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