मृणालिनी अखौरी के गजल ने महफिल में बांधा समा, तो पूजा ने सभी को भक्ति के सागर में डुबोया

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न्यूज स्केल संवाददाता
इटखोरी(चतरा)। तीन दिवसीय राजकीय इटखोरी महोत्सव के समापन समारोह में मृणालिनी अखौरी ने एक से बढ़कर एक गजल प्रस्तुत कर महफिल में समा बांधा। मृणालिनी ने इश्क कीजिए फिर समझिए जिंदगी क्या चीज है, वो कागज की कश्ती वो वारिस की पानी, चिट्ठी आई है आई है चिट्ठी आई है समेत कई अन्य गजल गाकर महफिल को बांध कर रखा। इसके बाद रजत आनंद ने सर्व प्रथम भक्ति गीत श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में गाकर भक्ति की शक्ति में सभी को डूबो दिया। उसके बाद सूफी संगीत तुम जो छू ले आराम से तो मैं मर जाऊं सैया सैया, छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलाई के, गुलाबी आंखें जो तेरी देखी शराबी ये दिल हो गया, होली खेले रघुवीरा अवध में होली खेले रघुवीरा, के अलावे रजत एवं उपायुक्त ने संयुक्त रूप से मेरे रसके कमर तूने पहली नजर गीत गाकर दर्शकों का मन मोह लिया। अंतिम में झारखंड की बेटी पूजा चटर्जी देश विदेश में अपनी सुरों की जादू चलाने वाली ने मैया झुलेली झुलनवा की झूमि झूमि ना, ओ मेरे दिल की चौन आए मेरे दिल की दुआ कीजिए, तुम तो ठहरे परदेसी साथ क्या निभाएगी, सात समंदर पार मैं तेरे पीछे-पीछे आ गई, छोरा गंगा किनारे वाला, होली खेले रघुवीरा अवध में जैसे गाने गाकर दर्शकों का मन मोह लिया। वहीं सभी कलाकारों को सांसद, विधायक एवं उपायुक्त अबू इमरान ने साल एवं मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। वही जिला प्रशासन द्वारा सांसद एवं विधायक को भी साल एवं मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का समापन आतिशबाजी कर की गई।

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