गुमला-आगमी सुखाड़ की स्थिति को देखते हुए आज मंगलवार को उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में झारखंड राज्य फसल राहत योजना एवं जिला टास्क फोर्स समिति की समीक्षा की गई। इस दौरान उपायुक्त ने कृषि विभाग की समीक्षा करते हुए वैकल्पित खेती पर बल दिया। बरसात की कमी से हुए किसानों को नुकसान की भरपाई के लिए राज्य सरकार की फ़सल राहत योजना में किसानो के पंजीकरण में तेजी लाने का निर्देश भी दिया।बैठक में मुख्य रूप से जिले में सुखाड़ की स्थिति आने से पूर्व किसानों को किस प्रकार से सहायता प्रदान किया जाए एवं उनका कम से कम नुकसान हो इससे संबंधित केंद्रित बिंदुओं पर चर्चा की गई।उपायुक्त ने योजनावर तरीके से इस समस्या से किसानों को निजात दिलाने का निर्देश दिया । उपायुक्त ने वैकल्पिक खेती को बढ़ावा देने पर विशेष फोकस किया , इसके साथ ही उन्होंने पिछले 2 से 3 वर्षों में वैकल्पिक खेती से जुड़े सर्वे रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया । वहीं अधिक से अधिक किसानों को केसीसी से जोड़ने की भी बात कही। किसानों को राज्य के फसल राहत योजना से जोड़ने के अलावा अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं से भी अच्छादित करते हुए उन्हें सहायता प्रदान करने की बात कही। कम वर्षा होने वाले क्षेत्रों को चिन्हित करते हुए वहां के किसानों को मनरेगा से जोड़ते हुए उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। वहीं उन्होंने माइग्रेटेड किसानों की भी सूची तैयार करने की बात कही ताकि श्रम विभाग द्वारा दिए जाने वाली योजनाओं से किसानों को अच्छादित किया सके। उपायुक्त ने कहा कि जिले के सभी संबंधित विभागों को सुखाड़ के स्थिति को देखते हुए अपने अपने स्तर से तैयारी करें एवं सभी संबंधित विभाग आपस में समन्वय स्थापित करते हुए इस सुखाड़ की स्थिति में किसानों को हर संभव सहायता / योजना /प्रशिक्षण आदि प्रदान करें।इसके अलावा बैठक में उपायुक्त द्वारा अन्य कई विषयों पर चर्चा करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया । इस दौरान बैठक में मुख्य रूप से उपविकास आयुक्त , एसडीओ सदर , अपर समाहर्ता , जिला कृषि पदाधिकारी , जिला सहकारिता पदाधिकारी , जिला उद्यान पदाधिकारी सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी एवं कर्मी मौजूद थे ।