समय से पहले बंद हो जाता है उत्क्रमित मध्य विद्यालय इचाक, बिना विभागीय निर्देश के ही हल्की बारिश में भी बंद कर दी जाती है विद्यालय

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न्यूज स्केल संवाददाता अजित यादव
कुंदा(चतरा): एक ओर जहां सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बच्चों तक पहुंचा सके इसके लिए करोड़ों खर्च कर रही है, वहीं दूसरी तरफ चतरा जिले के अति उग्रवाद प्रभावित कुंदा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत नवादा पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय इचाक के शिक्षक मौज की सैलरी उठाने में व्यस्त है। आपको जानकर हैरानी होगी की इचाक विद्यालय में वर्तमान में तीन शिक्षक पदस्थापित हैं, उसके बावजूद निर्धारित समय से पहले विद्यालय बंद कर दिया जाता है। यहां तक की बिना विभागीय निर्देश के ही हल्की बारिश होने पर विद्यालय ही बंद कर दिया जाता है। विद्यालय बंद रहने के संबंध में ग्रामीणों का कहना है कि शिक्षक एक या दो घंटे विद्यालय खोलने के बाद बच्चों की छुट्टी कर बायोमेट्रिक उपस्थिति बनाने के लिए विद्यालय के आस-पास बने रहते हैं। अब ऐसे में सवाल उठता है कि सरकार शिक्षकों को सिर्फ विद्यालय पहुंचने के लिए सैलरी देती है या बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए। यहां तक की विद्यालय में पढ़ने वाली आठवीं की छात्रा अपने प्रधानाध्यापक का नाम तक नहीं जानती है। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बच्चों को क्या शिक्षा दी जा रही होगी। इस संदर्भ में विद्यालय के प्रधानाध्यापक थामस टोपो से संपर्क किया गया तो उन्होंने काहा की बारिश की वजह से समय से पहले विद्यालय बंद कर दिया गया। वहीं बीईओ कानन कुमार पात्रा ने पुछे जाने पर बताया की पूर्व में भी उक्त विद्यालय के शिक्षक द्वारा अनियमितता बरते जाने की सूचना प्राप्त हुई है, शिक्षक को सुधार हेतु निर्देश दिया गया था। उसके बावजूद विद्यालय में यदी आवश्यक सुधार नहीं किया गया है तो करवाई हेतु प्रस्ताव जिला शिक्षा अधीक्षक को भेज दिया जाएगा।