न्यूज स्केल डेस्कः
एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने दो लोगों को सजा सुनाते हुए अहम टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि डीएनए टेस्ट बलात्कार में निर्णायक सबूत नहीं हो सकता, इसका सिर्फ पुष्टि के लिए सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि टेस्ट में इस बात की पुष्टि नहीं होती कि दोनों पीड़िता के बच्चे के बायोलॉजिकल पिता हैं, लेकिन इससे यह नहीं माना जा सकता कि उन्होंने नाबालिग का यौन उत्पीड़न नहीं किया।
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट ने कहा कि पीड़िता अपने बयान पर शुरुआत से कायम है और उसकी गवाही इस बात की पुष्टि करती है कि उसके साथ यौन उत्पीड़न हुआ है।
न्यायालय की टिप्पणी
जस्टिस सीमा सी जाधव इस मामले की सुनवाई कर रही थीं। 16 वर्षीय नाबालिग की गवाही के आधार पर न्यायालय ने दो लोगों को उसका यौन उत्पीड़न का दोषी ठहराते हुए 20 साल की सजा सुनाई है। पीड़िता ने अपनी मां की दोस्त के पति और दुकान पर काम करने वाले शख्स पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। डॉक्टरों ने बताया कि मानसिक रूप से पीड़िता की उम्र 11 साल है। न्यायालय ने कहा कि आरोपी परिपक्व हैं और ऐसे जघन्य अपराध ने पीड़िता को शारीरिक और भावनात्मक रूप से प्रभावित किया है। न्यायालय ने आगे कहा कि ऐसे कृत्य पीड़ित के लिए जिंदगीभर के लिए कलंक बन जाते हैं। कोर्ट ने दोनों पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया और कहा कि यह राशि पीड़िता को मुआवजे को तौर पर दी जाएगी। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा, ऐसी घटनाएं पीड़ित पर बहुत प्रभाव डालती हैं और कोई भी मुआवजा पीड़ित के लिए पर्याप्त नहीं है और न ही राहत दे सकता है, लेकिन आर्थिक मुआवजा कम से कम उसे कुछ सांत्वना दे सकेगा। इस मामले में नाबालिग, उसकी बुआ, डॉक्टरों और पुलिस समेत 11 लोगों ने न्यायालय में गवाही दी। पीड़िता का मेंटल अससेमेंट किया गया, जिसमें डॉक्टरों ने बताया कि उसका आईक्यू 11 साल 5 महीने के बच्चे जितना है।
पूरा मामला…
रिपोर्ट के मुताबिक, जब नाबालिग की उम्र 11 साल थी, तभी उसकी मां की मृत्यु हो गई थी। इसके बाद वह अपनी मां की दोस्त के पास रहकर ब्यूटीशियन का काम सीखने लगी। साल 2021 में जब वह अपनी बुआ के पास गई तो उसका पेट देखकर उन्होंने उससे सवाल किया तो उसने यह कहकर टाल दिया कि ज्यादा खाने की वजह से पेट निकल गया है। हालांकि, बुआ को यकीन नहीं हुआ तो उन्होंने प्रेग्नेंसी टेस्ट करवाया और रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद पीड़िता ने खुलासा किया कि दुकान पर काम करने वाला एक शख्स उसका यौन उत्पीड़न करता था। इसके बाद उसको बाल गृह भेजा गया तब उसने दूसरे आरोपी और उसकी मां के दोस्त के पति के बारे में भी बताया कि वह उसके साथ बार-बार दुष्कर्म करता था।