
सत्य एवं अहिंसा के परिवर्तन थे महात्मा बुद्ध: गणेश साहू
लोहरदगा। सुंदरी देवी सरस्वती शिशु मंदिर लोहरदगा में आज बुद्ध पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन किया गया। सरस्वती वंदना के पश्चात यह उत्सव प्रारंभ हुआ। महात्मा बुध के चित्र पर माल्यार्पण पुष्पार्चन एवं दीप प्रज्वलन किया गया। गणेश साहू ने कहा महात्मा बुद्ध सत्य एवं अहिंसा के प्रवर्तक थे वह दयालु एवं परोपकारी थे प्राणी मात्र के प्रति असीम दया का भाव रखना चाहिए ।जहां सत्य है वही ईश्वर है जहां अहिंसा है। वही शांति है बौद्ध धर्म भारत नेपाल श्रीलंका जापान इंडोनेशिया आदि देशों में विख्यात हो गया असीम साधना एवं तपस्या के उपरांत गया में पीपल पेड़ के नीचे महात्मा बुद्ध को आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति हुई। इस अवसर पर नंद किशोर साहू एवं अशोक सिंह तथा महेंद्र मिश्र ने भी अपने विचार व्यक्त किए, नंद किशोर साहू ने कहा सभी जीवो में परमात्मा का वास होता है अतः सभी जीवो से हमें प्रेम करना चाहिए। महेंद्र मिश्र ने कहा आज के युग में सत्य अहिंसा अर्थात बौद्ध धर्म की प्रासंगिकता सर्वाधिक महत्व का विषय है एवं अनुकरणीय है। आज के इस कार्यक्रम में सभी भैया-बहन एवं समस्त आचार्य बंधु-भगिनी उपस्थित थे।