झारखण्ड/गुमला: लुथरन मिशन चौक दुंदुरिया में दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा श्रीरामचरितमानस एवं गीता ज्ञान यज्ञ कार्यक्रम का आयोजन दीप प्रज्वलित कर किया गया। दिव्य गुरु आशुतोष महाराज जी के शिष्या साध्वी अमृता भारती ने कहा कि प्रभु राम का जीवन चरित्र सिर्फ कथा कहानियों को सुनने से हमारे जीवन में नहीं उतरता, प्रभु राम के आदर्श को जीवन में उतरने के लिए प्रभु राम को जानना होगा। प्रभु राम को मानने के साथ-साथ प्रभु राम की भी माननी होगी। प्रभु राम ने श्रीरामचरितमानस में कहा की इस सृष्टि में सभी जीव मुझे प्रिया है लेकिन सबसे अधिक मनुष्य मुझे प्रिय है क्योंकि इसी मनुष्य तन में प्रभु राम का दर्शन प्राप्त किया जा सकता है। परमात्मा की सर्वश्रेष्ठ कलाकृति होने के बावजूद समाज में मानव कहीं से श्रेष्ठ नजर नहीं आ रहा आज मानव के अंदर से मानवता समाप्त हो चुकी है और दानवता प्रवेश कर चुकी है। इंसान के लिवाज में हैवान बन चुका है। महापुरुष इंसान के अंदर इंसानियत के गुण को आरोपित करने के लिए इस धरा पर अवतरित होते हैं और मानव जीवन के वास्तविक उद्देश्य से उसे अवगत कराते हैं। आज के वैज्ञानिक उन्नति के युग में जहां इंसान ने चहुं और विकास किया चाहे वह मानसिक, बौद्धिक या शारीरिक विकास हो लेकिन आज का विज्ञान एक श्रेष्ठ चरित्रवान मानव का गठन नहीं कर सका इतिहास गवाह है कि आज तक जब भी श्रेष्ठ व्यक्तित्व का निर्माण समाज में हुआ तो पूर्ण संत महापुरुषों के कृपा हस्त तले ही हुआ चाहे वह चंद्रगुप्त हो या विवेकानंद आदि। स्वामी धनंजयानंद जी ने कहा की पूर्ण संत बड़े सौभाग्य से मिलते हैं पूर्ण संत सोए समाज को जगा कर जीवन के वास्तविक लक्ष्य से अवगत कराते हैं। जिस प्रकार मोह और अवसाद से ग्रस्त अर्जुन को भगवान श्री कृष्ण ने ज्ञान प्रदान कर कर्तव्यों का निर्वाहन करना सिखाया आज समाज को उसी सनातन ज्ञान की आवश्यकता है पूर्ण संत हमें जीवन के आधार से जोड़ते हैं जिस प्रकार जल रूपी आधार से विलग होकर मछली कभी भी शांत नहीं रह सकती ठीक इसी प्रकार मनुष्य जीवन का आधार परमात्मा है या संसार साधन है। आत्मा परमात्मा से विलग होकर कभी भी सुख और शांति को प्राप्त नहीं कर सकती। आज अज्ञानता की नींद में सोए समाज को नवजीवन देने का संकल्प लिए दिव्य ज्योति जागृती संस्थान निस्वार्थ भाव से समाज उत्थान का कार्य कर रही है। कार्यक्रम में सभी भक्त श्रद्धालुओं की भूमिका सराहनी रही।