Thursday, October 24, 2024

शिक्षक दिवस पर पुलिस अधीक्षक देवघर अजीत पीटर डुंगडुंग से विशेष बातचीत, कहा शिक्षा, अनुशासन से ही सबसे बड़ा मुकाम हासिल हो सकता है

एसपी अजित पीटर डुंगडुंग ने कहा, वर्दी की चमक हमेशा बरकरार रहनी चाहिए

देवघर से उत्तम कुमार जायसवाल की रिपोर्ट 

देवघर । देवघर पुलिस कप्तान अजीत पीटर डुंगडुंग ने शिक्षक दिवस के अवसर पर अपनी शिक्षा के शुरुआती 10 वर्षों के बारे में खुलासा किया, जब वह अपने बायोलॉजिकल परिवार से दूर रहे। उनका यह समय स्कूली शिक्षा में गुजरा, जहाँ उन्होंने 24x7x365 वार्डन, गवर्नेंस,और फादर के साथ स्कूली बच्चों के साथ समय बिताया। यह समय उनके लिए काफी चुनौतीपूर्ण लेकिन मूल्यवान था। उन्होंने बताया कि स्कूल के वार्डन, गवर्नेंस और फादर उनके जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बने रहे। उनके साथ बिताया गया समय उनके लिए सिर्फ शिक्षा का नहीं, बल्कि जीवन के महत्वपूर्ण मूल्यों को समझने का भी अवसर था। इन वर्षों में उन्होंने न केवल शैक्षणिक ज्ञान प्राप्त किया, बल्कि अनुशासन, आत्मनिर्भरता, और सामुदायिक जीवन के महत्व को भी समझा। इस अनुभव ने उनकी व्यक्तिगत और पेशेवर जिंदगी को गहराई से प्रभावित किया। देवघर पुलिस कप्तान अजीत पीटर डुंगडुंग ने शिक्षक दिवस के अवसर पर एक विशेष बातचीत में अपनी शिक्षा के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा साहेबगंज के St. Xavier’s School में हुई थी। वहाँ की गवर्नेंस, जिन्हें सभी छात्र प्यार से “आंटी” कहते थे, ने उन्हें अनुशासन का महत्व सिखाया। अजीत पीटर डुंगडुंग ने बताया कि गवर्नेंस ने हमेशा छात्रों को समय पर काम करने और अनुशासन में रहने की प्रेरणा दी। स्कूल के वार्डन और फादर का भी उनके जीवन में बहुत बड़ा योगदान रहा। उन्होंने न केवल शिक्षा के प्रति समर्पण सिखाया, बल्कि नैतिकता और सच्चाई के मूल्यों पर भी जोर दिया। डुंगडुंग ने कहा कि इन सभी शिक्षकों और मार्गदर्शकों के प्रयासों ने उनके जीवन को दिशा दी, जिसके कारण वे आज इस मुकाम पर पहुँच सके हैं। पुलिस कप्तान अजीत पीटर डुंगडुंग ने अपने स्कूल के फादर जॉर्ज कैमलरी, फादर स्टैंली, और फादर स्टैंगलो के बारे में भी बातें कीं, पुलिस कप्तान अजीत पीटर डुंगडुंग ने बताया कि माता और पिता बच्चे को दुनिया में लाते हैं, और गुरु अपने छात्रों के भविष्य को आगे बढ़ाने को लेकर दिन-रात एक कर देते हैं, फादर जॉर्ज कैमलरी, फादर स्टैंली, और फादर स्टैंगलो के योगदान को याद करते हुए उन्होंने बताया कि इन फादर्स की सीख और मार्गदर्शन ने ही उनके जीवन को सही दिशा दी, इन फादर्स की बदौलत ही वे आज पुलिस विभाग में हैं, उन्होंने कहा कि जीवन में एक सफल इंसान बनने के लिए माता-पिता के साथ-साथ शिक्षकों का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है, उनके द्वारा दिए गए संस्कार और शिक्षा जीवन के हर मोड़ पर काम आते हैं, उन्होंने विशेष रूप से यह भी कहा कि फादर्स ने न केवल शैक्षणिक शिक्षा दी बल्कि जीवन के मूल्यों को समझाया, अनुशासन, ईमानदारी, और परिश्रम की महत्वता को उनके अंदर विकसित किया, पुलिस कप्तान अजीत पीटर डुंगडुंग ने यह भी बताया कि वे अपने फादर्स को कभी नहीं भूल सकते और उन्हें दिल से नमन करते हैं, इन फादर्स की दी हुई शिक्षा ने ही उन्हें समाज में एक बेहतर इंसान और एक जिम्मेदार अधिकारी बनाया है, पुलिस कप्तान ने यह भी कहा कि जब भी वे किसी कठिन परिस्थिति का सामना करते हैं, तब वे अपने फादर्स की शिक्षा को याद करते हैं, और उसी से उन्हें प्रेरणा मिलती है, इस प्रकार पुलिस कप्तान अजीत पीटर डुंगडुंग ने फादर्स के प्रति अपनी गहरी श्रद्धा और सम्मान व्यक्त किया, उन्होंने यह संदेश दिया कि एक अच्छा गुरु जीवन के हर पड़ाव पर सही मार्गदर्शन करता है और उसे हमेशा याद रखा जाना चाहिए। देवघर जिले के पुलिस कप्तान अजीत पीटर डुंगडुंग ने बताया कि अपने पुलिस विभाग में ज्वाइन करने के बाद उन्हें अपने प्रशिक्षण के दौरान बिहार के डीजीपी राजवींदर सिंह भट्टी साहब अभी वर्तमान मे CISF के DG के पद पर है। उनसे एक महत्वपूर्ण सीख मिली, उन्होंने कहा था कि लाल बत्ती की चमक गाड़ी के इंजन बंद हो जाने के बाद खत्म हो जाती है, यह बात मुझे बेहद प्रभावित कर गई, उनके इस कथन में गहरा अर्थ छिपा था, डीजीपी भट्टी साहब ने इस बात पर जोर दिया कि करियर में असली पहचान वर्दी की स्वच्छता और कर्मठता से होती है, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि अगर एक पुलिस अधिकारी की वर्दी साफ-सुथरी रहेगी और उसकी इमेज अच्छी बनी रहेगी, तो वह अधिकारी ताउम्र सम्मानित रहेगा, उनकी चमक बरकरार रहेगी।  राजविंद्र सिंह भट्टी साहब ने यह भी बताया कि एक पुलिस अधिकारी के लिए जिम्मेदारी और नैतिकता सबसे अधिक महत्वपूर्ण होती है, उन्होंने कहा कि एक पुलिसकर्मी को हमेशा अपनी ड्यूटी को ईमानदारी और निष्ठा से निभाना चाहिए, लाल बत्ती और सत्ता की चमक अस्थायी होती है, लेकिन अगर वर्दी की गरिमा बनी रहती है तो वह पुलिस अधिकारी समाज में हमेशा सम्मानित रहता है, उनकी यह सीख मुझे आज भी प्रेरित करती है और मुझे हमेशा यह याद दिलाती है कि एक पुलिस अधिकारी की असली पहचान उसकी निष्ठा, ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा में होती है। भट्टी साहब ने अपने अनुभवों से बताया कि पुलिस की नौकरी में चुनौतियाँ तो बहुत होती हैं, लेकिन अगर हम अपने नैतिक मूल्यों पर डटे रहते हैं, तो उन चुनौतियों से निपटना आसान हो जाता है, उन्होंने कहा कि चाहे जितनी भी बड़ी समस्या हो, अगर आप सही रास्ते पर हैं और आपके इरादे साफ हैं, तो कोई भी आपको रोक नहीं सकता, उनकी यह बात मेरे दिल में बस गई और मैंने यह संकल्प लिया कि मैं अपनी वर्दी को हमेशा साफ रखूंगा और अपने कार्यों में ईमानदारी बनाए रखूंगा। प्रशिक्षण के दौरान मैंने यह भी सीखा कि एक पुलिस अधिकारी के लिए सिर्फ कानून का पालन करना ही नहीं, बल्कि समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाना भी महत्वपूर्ण होता है, भट्टी साहब के मार्गदर्शन में मैंने समझा कि हमारी वर्दी सिर्फ हमारी पहचान नहीं है, बल्कि यह समाज की सुरक्षा और सेवा का प्रतीक है, वर्दी की चमक हमारे कर्मों से होती है, और अगर हम सही ढंग से अपना कर्तव्य निभाते हैं, तो हमें समाज का सम्मान और प्रेम दोनों ही प्राप्त होते हैं। इस सीख ने मेरे पूरे करियर को एक दिशा दी, डीजीपी राजवींदर सिंह भट्टी के ये शब्द मेरे लिए हमेशा मार्गदर्शन का स्रोत बने रहे हैं, मैं अपने पुलिस कार्य में हमेशा उनकी सीख को ध्यान में रखता हूँ और यह सुनिश्चित करता हूँ कि मेरी वर्दी और मेरी इमेज दोनों ही साफ और निष्कलंक रहें ।

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