बाल दुर्व्यवहार के प्रभाव के प्रति सीडब्ल्यूसी द्वारा बच्चों को किया गया जागरूकता, अध्यक्ष ने दी बाल दुर्व्यवहार को लेकर बनाए गए अधिनियम की जानकारी

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न्यूज स्केल संवाददाता
सिमरिया(चतरा)। बाल दुर्व्यवहार के प्रभव के प्रति बच्चों को जागरुक करने को लेकर बाल कल्याण समिति चतरा के द्वारा सिमरिया प्रखंड अंतर्गत परियोजना प्लस टू उच्च विद्यालय बिरहु में जागरुक्ता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर धनंजय तिवारी अध्यक्ष बाल कल्याण समिति के नेतृत्व में आयोजित किया गया। जिसमें विशेष रुप से शिला ओपी के एएसआई ललन दुबे, पीएलभी रंजनज मिश्रा उपस्थित थे। इस अवसर पर सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष श्री तिवारी ने जेजे एक्ट, रुल व पोक्सो एक्ट की जानकारी बच्चों को विस्तारपूर्वक दी। श्री तिवारी ने कहा कि बाल दुर्व्यवहार का अर्थ है किसी बच्चे को दुर्व्यवहार, उपेक्षा या अन्य माध्यम से नुकसान पहुंचाना (चाहे शारीरिक, भावनात्मक या यौन)। इस तरह का व्यवहार माता-पिता, देखभाल करने वाले या बच्चे या युवा व्यक्ति के आसपास के अन्य वयस्कों/किशोरों द्वारा किया जा सकता है। दुर्व्यवहार या दुर्व्यवहार से बच्चों को शारीरिक और मानसिक नुकसान का काफी जोखिम होता है। जो अक्सर वयस्क होने तक बना रहता है।

बाल दुर्व्यवहार रोकथाम गतिविधियां मदद कर सकती हैं और उचित बाल दुर्व्यवहार जागरूकता पैदा होने के बाद उन्हें लागू किया जा सकता है। अपनी छोटी उम्र और विकसित होती क्षमताओं के कारण, बच्चे अपमानजनक व्यवहार, नुकसान, चोट और हिंसा के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होते हैं। इसके अलावा, प्रत्येक बच्चे की अनूठी परिस्थितियां उन्हें नकारात्मक प्रभावों और जोखिम भरे व्यवहारों के प्रति संवेदनशील बना सकती हैं। मुख्य रुप से शारीरिक दुर्व्यवहार, भावनात्मक दुर्व्यवहार, उपेक्षा करना, यौन शोषण हिंसा (विशेषकर परिवार के अंदतर)। शिविर में विद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के साथ शिक्षक शिक्षकाएं उपस्थित थे।