न्यूज स्केल संवाददाता
मयूरहंड (चतरा)। मयूरहंड प्रखंड कार्यालय सभागार में गुरुवार को वित्तीय वर्ष 2021-022 और 2023-24 मनरेगा से संचालित योजनाओं का सोशल ऑडिट और पंचायत-स्तरीय जन सुनवाई के पश्चात प्रखंड स्तरीय जन सुनवाई का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता प्रमुख मिक्की देवी ने किया। इस अवसर पर प्रखंड जन सुनवाई ज्यूरी सदस्य के रूप में जिले की लोकपाल संध्या प्रधान मौजूद थीं। उल्लेखनीय है कि इस महत्वपूर्ण अवसर पर बीडीओ और लोकपाल की उपस्थिति में भी कुछ पंचायतों के महिला मुखिया के स्थान पर उनके पति उनका पक्ष रखते देखे गए, जो काफी हास्यास्पद है। यह भी उल्लेखनीय है कि दस पंचायत से मात्र पांच मुखिया कार्यक्रम में उपस्थित हुए। वहीं पंचायतों के पंचायत सचिव भी जन सुनवाई कार्यक्रम से दूरी बनाए रखे।सारी जवाब तलब और जवाबदेही रोजगार सेवक पर तय की जाते दिखी। बीपीओ राजीव रंजन सिंह काफी सक्रिय दिखे और जनसुनवाई में बैठी ज्यूरी को निर्धारित समय में योजनाओं के क्रियान्वन का भरोसा दिया। सबसे ज्यादा मामले पेटादेरी पंचायत से आए। सभी मामलों का निष्पादन जन सुनवाई में किया गया। लोकपाल ने मनरेगा की योजनाओं में बरती जा रही शिथिलता पर मनरेगा कर्मियों को जमकर फटकार लगाई और कार्यप्रणाली में सुधार लाने की सख्त चेतावनी दी। उन्होंने समझाते हुए इन्हें हिदायत दिया कि मनरेगा योजना के क्रियान्वयन में चतरा जिला शीर्ष पर है। इसे बनाए रखना हम सब की महत्ती जिम्मेदारी है। इसमें शिथिलता या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस अवसर पर जिप सदस्य देवेंद्र चंद्रवंशी, सोशल ऑडिट टीम के गणेश कुमार, बीपीओ, जेई उमेश उरांव, राजीव रंजन दास, मुखिया मंजीत सिंह, अशोक कुमार भुईयां, अजय भुईयां, रेणु देवी, रामनाथ यादव, सभी बीएफटी और सभी रोजगार सेवक उपस्थित थे।