सिविल कोर्ट में मध्यस्था जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन, पीडीजे ने कहा मध्यस्था विवादों के निपटाने का सरल एवं सर्वाेत्तम मार्ग है
चतरा। झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वधान में व राकेश कुमार सिंह प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार के मार्गदर्शन में सिविल कोर्ट के कॉन्फ्रेंस हॉल में मध्यस्था जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसका संचालन प्राधिकार की सचिव प्रज्ञा वाजपेई ने की। जागरुक्ता कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीडीजे श्री सिंह ने कहा कि मध्यस्था विवादों के निपटाने का सरल एवं सर्वाेत्तम मार्ग है। इसके माध्यम से ऐसी विवादों को सरलता से निपटारा किया जा सकता है जो कि काफी समय से न्यायालय में लंबित हैं। वहीं मध्यस्था अधिवक्ता कृष्णा सिंह ने मध्यस्था के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि मध्यस्था केंद्रों में दोनों पक्षों के संतुष्ट होने के पश्चात वादों को निराकरण किया जाता है। अधिवक्ता सुबोध कुमार मिश्रा ने मध्यस्था अधिवक्ता की भूमिका के बारे में जानकारी दी। अधिवक्ता विनोद कुमार पाठक ने रेफरल फॉर्म के बारे में जानकारी दी। अधिवक्ता अशोक साहू ने मध्यस्था के लाभों के बारे में बताया। वहीं मध्यस्थ अधिवक्ता इंदु भूषण कुमार ने मध्यस्था के पांच स्टेज के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। कार्यक्रम में पीडीजे के अलावे, जिल अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम राजेश कुमार सिंह, जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय राकेश चंद्रा, एडीजे पंचम, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सह अवर न्यायाधीश द्वितीय, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सह अवर न्यायाधीश प्रथम, अवर न्यायाधीश तृतीय सह न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी सह प्रधान दंडाधिकारी किशोर न्याय बोर्ड मुक्ती भगत, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी सतीश उज्जवल बैग आदि उपस्थित थे।