मां की मौत के सदमे में गई बेटे की जान

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मां की मौत के सदमे में गई बेटे की जान

प्रतापपुर (चतरा)। अपनी मां की मौत का सदमा नहीं झेल पाया नंदू, अंततः मौत की आगोश में समा गया। कलियुग का यह श्रवण कुमार (नंदू दास) चतरा जिले के प्रतापपुर प्रखंड मुख्यालय से सटे बभने गांव का था। ग्रामीण बताते हैं कि वह अपनी मां को अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करता था। दिन रात मां की सेवा में लगा रहता था। लंबी बीमारी की वजह से दस दिन पूर्व अचानक मां की मौत हो गई। मां की मौत से आहत नन्दू दास एकदम गुमसुम रहने लगा था। गुरूवार को मां के दशकर्म से एक दिन पहले वह सदमे के कारण बेहोश होकर गिर पड़ा। आनन-फानन प्रतापपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे चतरा रेफर कर दिया गया था। सदर अस्पताल में भी स्थिति में सुधार नहीं देख चिकित्सकों ने उसे रिम्स रांची रेफर कर दिया था। जहां इलाज के क्रम में शुक्रवार को नंदू ने दम तोड़ दिया। आर्थिक रूप से कमजोर नंदू के परिजनों को मंत्री प्रतिनिधि भोला प्रसाद ने मदद की और उन्होंने नंदू के पार्थिव शरीर को रांची से प्रतापपुर लाने के लिए मंत्री सत्यानंद भोक्ता के स्तर से शनिवार को एंबुलेंस द्वारा उसके घर तक सुरक्षित  पहुंचाया गया। नंदू का पार्थिव शरीर जब उसके घर पहुंचा तो उसकी पत्नी दहाड़ मार के रोने लगी बच्चे गुमसुम अपने मृतक पिता को देख रहे थे।