घाघरा- प्रखंड क्षेत्र के देवाकी कुसुम टोली में करीब दर्जन भर से अधिक डायरिया की चपेट में आकर बीमार – पांच वर्ष से लेकर 60 वर्ष के लोग हुए हैं प्रभावित

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झारखण्ड/गुमला -घाघरा प्रखंड क्षेत्र के देवाकी कुसुमटोली गांव में लगभग डेढ़ दर्जन लोग डायरिया की चपेट में आने से बीमार हो गए हैं। कई लोगों की तो हालत इतनी खराब हो गई है कि गत रात्रि आनन-फानन में लोहरदगा, गुमला यहां तक की रांची के निजी अस्पतालों में पीड़ित मरीजों का इलाज उनके परिजन करा रहें हैं। ग्रामीणों का कहना है कि एक सप्ताह पूर्व एक महिला में हैजा के लक्षण मिले और इसके बाद फिर तेजी से गांव में यह बीमारी फैलता जा रहा है। अभी तो आलम यह है कि डेढ़ वर्ष की बच्ची समेत करीब 16 लोग डायरिया की चपेट में आ चुके हैं। जिसमें कुछ लोग अस्पतालों में इलाज कर रहे हैं, और कुछ तो आर्थिक तंगी के कारण घर पर ही झोलाछाप डॉक्टरों के सहारे इलाज कराने को मजबूर हैं। बताते चलें कि इतनी तेजी से कुसुमटोली गांव में फैल रही हैजा बीमारी के मरीज का हाल जानना भी घाघरा स्वास्थ कर्मी मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। उनकी सूद लेने वाला कोई भी नहीं है। ज्यादातर मरीज भगवान भरोसे ही लोकल दवा लेकर स्वस्थ होने की आस में पड़े हुए हैं।

*ये हैं डायरिया से पीड़ित*
कुसुमटोली गांव निवासी 65 वर्षीय बुधवा उरांव व उनकी पत्नी 60 वर्षीय बुधनी उरांव, मंगरु उरांव (50), अंजलि उरांव (25), सोनामी उरांव (55), मंगरो उरांव (60), प्रतिमा उरांव (35), रामा उरांव (70) व उनकी पत्नी सुखमनिया उरांव (63), एतामुनी देवी (43), पुष्पा उरांव (40), प्रतिमा लोहार (20), दुर्गी लोहार (18) समेत 5 वर्षीय सूर्यांश उरांव व डेढ़ वर्ष का बच्चा सुशांत उरांव उक्त बीमारी से ग्रसित हैं। जिसमें कुछ लोगों का हालत गम्भीर बनता जा रहा है।

*दाड़ी के दूषित पानी को पीने को मजबूर है ग्रामीण*
कुसुमटोली गांव में पेयजल की घोर समस्या है। पीने के पानी के लिए महिलाएं खेत के बीचो-बीच मौजूद एक दाड़ी का पानी को उपयोग में लाते हैं। बताते चलें कि बरसात के दिनों में खेत का दूषित पानी इस दाड़ी में प्रवेश कर जाता है और इस पानी को पीने के लिए कुसुमटोली गांव के ग्रामीण उपयोग में लाते हैं। ग्रामीणों का मानना है कि पीने के लिए स्वच्छ पानी का अभाव भी डायरिया बीमारी को फैला रहा हैं।

*बीडीओ ने कहा*
इस संबंध में बीडीओ दिनेश कुमार से पूछने पर उन्होंने कहा पत्रकारों के द्वारा ही कुसुमटोली गांव के हालात की जानकारी मिली है। जल्द से जल्द स्वास्थ्य विभाग के टीम को गांव में कैंप करने का निर्देश दिया जायेगा। जब तक गांव की स्थिति सामान्य ना हो जाए, तब तक स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पर कैंप करेगी। वहीं डायरिया फैलने के कारणों को गांव में जाकर पता किया जायेगा और स्वच्छ पानी, साफ सफाई सहित मूलभूत सुविधा मुहैया करायी जायेगी।