चतरा/इटखोरी/पत्थलगड़ा। जगत जन्नी, दुष्टों का संहार करने वाली मां आदि शक्ति दुर्गा के जयकारों से शहर से गांव तक गुंजयमान हो रहा है। नव रात्रा के आठवें दिन मंगलवार को माता के आठवें स्वरुप की पूजा महागौरी के रुप में की गई। इस दौरान कोई फलाहार तो कोई अखंड उपवास रख माता की पूजा अर्चना कर समृद्वि और एर्श्वय की कामना की। दिन भर जिला मुख्यालय के अलावे इटखोरी, पत्थलगडा, प्रतापपुर, कुंदा, इटखोरी, टंडवा, सिमरिया, प्रतापपुर, गिद्धौर, हंटरगंज व मयूरहंड आदि प्रखंडों के पूजा पंडालों, देवी मंडपों में विशेष पूजन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भिड़ दिन भर उमड़ती रही। ऐसा लगा मनो मां भगवती के आंचल की छांव पाने के लिए लोगों के दिनचर्या का हर क्षण मां को समर्पित हो गया हो। वहीं जिले के शक्ति पीठ इटखोरी स्थित माता भद्रकाली मंदिर, हंटरगंज के कुलेश्वरी, पत्थलगडा के लेम्बोईया देवी स्थान, सिमरिया के भवानी मठ, मां तारा मंदिर, गिद्धौर के बलबल स्थित बागेश्वरी मंदिर व जोरी काली मंदिर में अष्टमी के हवन व बली सहित विभिन्न प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया गया। दशहरा पूजा का समापन 2 अक्टूबर गुरुवार को विजयदशमी को अपराजिता की पूजा के बाद स्थापित प्रतिमाओं के विसृर्जन के साथ किया जाएगा।