गुमला: लोकतंत्र के सबसे बड़े महापर्व पर लोहरदगा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए 13 मई को ईवीएम में कैद होंगे मतदाताओं द्वारा डालने वाले मत और 4 जून को होगा लोहरदगा सीट से कुल 15 प्रत्याशी के भाग्य का फैसला यहां बताते चलें कि प्रमुख राजनीतिक दलों से जहां भाजपा प्रत्याशी समीर उरांव इस बार चुनावी मैदान में जहां भाजपा को लगातार चौथी जीत हासिल करने के लिए कोशिश कर रहे हैं और इसमें कहां तक सफल होंगे यह फैसला मतदाताओं द्वारा ईवीएम में कैद होने वाले मतदान केंद्रों में 13 मई को डालें जाने वाले मतों की गणना से ही मालूम पड़ेगा वहीं दूसरी राजनीतिक दल कांग्रेस ने इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सुखदेव भगत को टिकट दिया है और गठबन्धन से टिकट दिया गया है लेकिन कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका कांग्रेस झामुमो के बागी निर्दलीय प्रत्याशी चमरा लिंडा ने गठबन्धन तोड़कर एहसास दिला दी है यहां बताते चलें कि आदिवासी छात्र संघ से उभरे हुए कद्दावर नेता चमरा लिंडा ने अपनी पहचान लगातार जहां बिशुनपुर से विधायक के रूप में चुनावी मैदान में मतदाताओं की पहली पसंद है तो वहीं झामुमो के लिए भी एक ताकतवर नेता के रूप में पहचान बनाने में कामयाब नेता बने हैं और आदिवासियों के बीच चहेते और कद्दावर नेता के साथ ही समाजिक नेता सह विधायक बने हैं और इस लोकसभा चुनाव 2024 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल करने के साथ ही अपनी चुनावी रणनीति तैयार कर चुनावी मैदान में कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशी को उनके राजनीतिक समीकरण बदल दिया है यहां बताते चलें कि गुमला जिले में जहां भाजपा प्रत्याशी समीर उरांव को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनावी सभा आयोजित कर चुके हैं वहीं कांग्रेस प्रत्याशी सुखदेव भगत को लेकर स्टार प्रचारक राहुल गांधी भी बसिया अनुमंडल में बड़ी चुनावी सभा को संबोधित करने के लिए 7 मई को अपनी हुंकार भरने आ रहे हैं इंडिया गठबंधन से जबकि लोहरदगा सीट पर अब गठबंधन जैसी कोई बात नहीं है झामुमो विधायक चमरा लिंडा ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस प्रत्याशी सुखदेव भगत को दिन में तारे दिखा दिया है यहां बताते चलें कि अनुसूचित जनजाति लोकसभा सीट लोहरदगा में आदिवासी वोटर्स जीत-हार के लिए अहम भूमिका रखते हैं और चमरा लिंडा द्वारा आदिवासी वोट-बैंक को नापतौल कर चुनावी मैदान में हैं परिणामस्वरूप भाजपा और कांग्रेस के वोट-बैंक में जबरदस्त सेंधमारी होना निश्चित है और यह सभी स्वीकार भी करते हैं यहां बताते चलें कि यदि चमरा लिंडा ने कोई जादुई छड़ी चला दी तो लोहरदगा सीट जीतने में वे भी किसी से कम नहीं होंगे और यही कहावत सटीक लगती है कि आ देखें जरा किसमें है कितना दम हम भी किसी से कम नहीं।