किसान संघर्ष समिति के बैनर तले जारी आंदोलन का जनसंघर्ष मोर्चा ने किया समर्थन
न्यूज स्केल संवाददाता
चतरा/सिमरियाः बुधवार को शिवपुर-कठौतिया रेल लाइन से विस्थापित होने वाले किसानों का बंदोबस्त व भूदान से प्राप्त भूमि की रैती मान्यता देते हुए मुआवजे की मांग को लेकर सिमरिया प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत इचाक खुर्द में प्रभावित किसान अनिश्चितकालीन धरना पर बैठ गए हैं। आंदोलित किसानों का कहना है कि जबतक मांगे पुरी नही होगी धरना जारी रहेगा। किसान संघर्ष समिति के बैनर तले जारी आंदोलन का जनसंघर्ष मोर्चा के सचिव महेश बांडो, संरक्षक लक्ष्मीकांत शुक्ला, सदस्य संतोष उरांव, सुदीप उरांव, प्रकाश उरांव ने आंदोलन स्थल पर पहुंचकर अपना समर्थन दिया है। उन्होंने कहां कि सरकार वर्षाे से जोत कोड कर जीविकोपार्जन कर रहे गरीब परिवारों को उजाड़ने का काम कर रही है। समय-समय पर बिहार और झारखंड सरकार द्वारा तीस वर्षाें से जोतकार को रैयती मान्यता देने का प्रावधान है। परंतु यह मान्यता गरीब किसानों को नही देकर पूंजीपतियों को दिया जा रहा है। बनारस-कोलकत्ता एक्सप्रेस-वे और रेल लाइन से स्थानीय लोगों को कोई रोज़गार नही मिलेगा। परंतु गरीब किसान के बच्चे निवाला के लिए जरुर तडपेगें। जिला प्रशासन पहल नही करती है तो सडक से सदन तक आंदोलन किया जायेगा। वहीं धरना की सूचना मिलने पर सिमरिया सीओ छुटेश्वर दास मौके पर पहुंचकर प्रभावित किसानो को समझाने का प्रयास किया। परंतु प्रशासन के लुभावन में आने से किसानों ने इंकार कर दिया। लोगों ने कहा कि प्रशासन पूंजीपतियो से मिलकर किसान पर दमनात्मक कार्रवाई के लिए उतारु है। इरकोन कंपनी के अधिकारी हमेशा प्रशासन से मिलकर कार्रवाई की चेतावनी दे रहे है। पहले भी बिना काम रुके हुए भी उपायुक्त महोदय से मिलकर काम बंद करावने की शिकायत कर चुके है। जिसका खुलासा सिमरिया एसडीओ और सीओ के जांच में हो चुका है। किसानों ने का कहना है कि 22 नवंबर 2022 को ईचाक खुर्द में अधिग्रहीत किए जा रहे भूमि से संबंधित दावा व आपती की मांग किसानों से अंचलाधिकारी सिमरिया द्वारा मांग की गई थी। जिसे आलोक में संबंधित किसानों ने अपने-अपने भूमि से संबंधित दस्तावेज छायाप्रति जमा की थी। पर अबतक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है।