मयूरहंड(चतरा)। भगवान बुद्ध की पावन भूमि बिहार के बोधगया में अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक महोत्सव 2023 सह अंतरराष्ट्रीय बुद्ध विश्वविद्यालय के शिलान्यास कार्यक्रम में चतरा जिले के मयूरहंड प्रखंड अंतर्गत नरचाही उपस्वास्थ केंद्र में पदस्थापित एएनएम सह कवयित्री व लेखिका सुशीला कुमारी को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ आनलाइन एवं आफलाइन सुशीला कुमारी के द्वारा सरस्वती वंदना से की गई। तत्पश्चात इटखोरी मां भद्रकाली मंदिर की विशेषता एवं भगवान बुद्ध से जुड़ी घटना एवं ईटखोरी के नामकरण के बारे में सभागार में एवं आनलाइन जुड़े देश-विदेश के लोगों को विस्तार पूर्वक बताया। कार्यक्रम में एमनएम ने बताया कि जब सिद्धार्थ ज्ञान की खोज में भटकते हुए महाने एवं बक्सा नदी के तट पर तपस्या में लीन थे तभी उनकी मौसी गौतमी उनको ढुढते हुए वहां पहुंची और उनसे वापस लौटने को कहा लेकिन सिद्धार्थ ने अनसुनी कर तपस्या में लीन रहे। तभी गौतमी के मुख से निकला “इतखोई” जिसका अर्थ था यहीं अपने पुत्र को खोई, वही इतखोई का अपभ्रंश आज इटखोरी है। उसके बाद बुद्ध से जुड़ी कविता “बुद्ध बनना आसान नहीं के द्वारा बुद्ध के त्याग और सिद्धांत को लोगों तक पहुंचाया। साहित्यिक महोत्सव में एएनएम सह कवयित्री व लेखिका सुशीला कुमारी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रर्यावरणविंद मेहता नागेन्द्र सिंह, राजीव रंजन पाण्डेय निदेशक गौरैया विहग फाउंडेशन नालंदा, बुद्ध अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय के निदेशक सुरेन्द्र सिंह शौर्य एवं देश-विदेश के कई प्रसिद्ध साहित्यकार शामिल थे।