सैन्य संघर्ष विराम पर भारत-पाकिस्तान के बीच बनी सहमति : विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री

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भारत और पाकिस्तान ने आपसी तनाव को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए धरती, हवा और समुद्र में सभी तरह की सैन्य कार्रवाई को रोकने पर सहमति जताई है। इस बात की पुष्टि भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने आज शनिवार को एक प्रेस वार्ता में की। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO) ने आज दोपहर 3:35 बजे भारतीय DGMO को कॉल किया और दोनों देशों के बीच यह समझौता हुआ कि शाम 5 बजे से सभी सैन्य गतिविधियां पूरी तरह से रोक दी जाएंगी।

विक्रम मिस्री ने कहा कि दोनों देशों की सेनाओं को इस फैसले को लागू करने के निर्देश दिए जा चुके हैं और 12 मई को दोपहर 12 बजे DGMO स्तर की अगली बातचीत तय की गई है। प्रेस वार्ता में मिस्री ने यह भी कहा कि पाकिस्तान की हाल की कार्रवाइयां “उत्तेजक और उकसाने वाली” रही हैं, जिनका भारत ने संयम और जिम्मेदारी के साथ जवाब दिया।
इस प्रेस वार्ता के दौरान “ऑपरेशन सिंदूर” का भी जिक्र किया गया, जिसे भारत ने 7 मई को उस आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया था, जो 22 अप्रैल को पहलगाम में हुआ था जिसमें 26 लोगों की जान गई थी।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म एक्स पर बताया “भारत और पाकिस्तान ने आज सभी तरह की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति जताई है। भारत ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ सख्त और बिना समझौते वाला रुख अपनाया है और भविष्य में भी ऐसा करता रहेगा।” वहीं पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने भी इस संघर्षविराम की पुष्टि करते हुए कहा, “पाकिस्तान और भारत ने तत्काल प्रभाव से संघर्षविराम पर सहमति जताई है। पाकिस्तान हमेशा क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा का समर्थक रहा है, अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से समझौता किए बिना।”

अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि भारत और पाकिस्तान अब व्यापक मुद्दों पर बातचीत के लिए एक तटस्थ स्थान पर चर्चा शुरू करने पर भी सहमत हुए हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 48 घंटों में अमेरिका के उपराष्ट्रपति वेंस और उन्होंने भारत और पाकिस्तान के वरिष्ठ नेताओं से बातचीत की, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, विदेश मंत्री जयशंकर, पाक सेना प्रमुख असीम मुनीर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और असीम मलिक शामिल रहे। अमेरिका ने इस पहल के लिए दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की बुद्धिमानी और शांति की ओर कदम बढ़ाने के लिए सराहना की है।