सिमरिया (चतरा)। विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर मंगलवार को सिमरिया अनुमंडल मुख्यालय स्थित अनुसूचित जाति बालिका उच्च विद्यालय परिसर में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन चतरा व जिला विधिक सेवा प्राधिकार चतरा के संयुक्त तत्वाधान में मानवाधिकार दिवस मनाया गया ।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता चिंतामणि पाठक ने बताया कि द्वितीय विश्व युद्ध (1939-1945) में व्यापक जनसंहार से विश्व के मानस पटल पर मानवीय मूल्यों के संरक्षण का सतत चिंता होने लगी।इस चिंतन पर प्रस्ताव दिए गए जिसे संयुक्त राष्ट्र के सदन में 10 दिसंबर 1948 को मान्यता प्रदान किया गया। इसके बाद उक्त दिवस को मानवाधिकार दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। कार्यक्रम में वक्ताओं ने सभी लोग को मानवाधिकार के प्रति और अपने हर हक के लिए सरकार द्वारा निर्धारित मापदंडों पर सजग होकर उपयोग करते हुए संवैधानिक व्यवस्था के अनुरूप शांतिमय जीवन यापन की विधिक जानकारी भी दी। कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन संचालन समिति के क्रियाशील सदस्य धर्मवीर बैठा, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के पीएलभी सुबोध कुमार शर्मा, रंजन कुमार मिश्रा, उमेश प्रसाद, विद्यालय के प्रधानाचार्य रामप्रवेश केवट, वरिष्ठ शिक्षक राम पदारथ सिंह आदि शामिल थे।