झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार ने जीता विश्वास मत, पक्ष में 45 विधायकों ने किया वोट, विपक्ष में 0 वोट पड़ेअनिश्चितकाल के लिए सदन स्थगित

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न्यूज स्केल डेस्क
रांची। सोमवार को हेमंत सोरेन की सरकार ने झारखंड विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र में विश्वास मत हासिल कर लिया। इस दौरान सरकार के पक्ष में 45 विधायकों ने वोट किया। जबकी विपक्ष में 0 वोट पड़े। विपक्ष के सभी सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चले गए थे। सरकार के विश्वास मत हासिल करने के बाद विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी। इससे पूर्व विश्वास प्रस्ताव पर बहस में सत्ता और विपक्ष के सदस्यों ने भाग लिया। उसके बाद हेमंत सोरेन ने उसका जवाब दिया और मतविभाजन कराया गया। अध्यक्ष श्री महतो ने नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी को बहस की शुरुआत करने के लिए कहा। तो श्री बाउरी ने सरकार पर तमाम गंभीर आरोप लगाते हुए सरकार की वादाखिलाफी से लेकर संताल परगना में बदलते डेमोग्राफी का मुद्दा उठाया। हेमंत सोरेन सरकार पर भ्रष्टाचार के भी आरोप लगाए। श्री बाउरी ने कहा कि आदिवासियों की संख्या लगातार घट रही है। अगर आदिवासी ही नहीं बचेंगे, तो किस आदिवासियत की हम बात करेंगे। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सिदो-कान्हू की धरती भोगनाडीह में अब सिर्फ 60 आदिवासी परिवार बचे हैं। यहीं पर सिदो-कान्हू ने 50 हजार से अधिक आदिवासियों को एकजुट करके अंग्रेजों के खिलाफ हूल किया था। कहा कि सरकार बार-बार कह रही है कि वह लोगों को पेंशन दे रही है। लेकिन, सच यह है कि पिछले 4 महीने से बुजुर्गों को पेंशन नहीं मिली।

सरकारी नौकरियों को बेचने का आरोप

उन्होंने कहा कि ग्रीन कार्ड धारकों को 11 महीने से राशन नहीं मिला है। परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक हुए हैं। कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। कई राज्यों में ब्लैकलिस्टेड हो चुकी कंपनी को परीक्षा कराने की जिम्मेदारी दे दी। उन्होंने आरोप लगाया कि चूंकि जांच की आंच सरकार तक पहुंच रही थी, जांच को ही ठंडे बस्ते में डाल दिया। सरकारी नौकरियों को बेचने का भी सरकार पर आरोप लगाया।. उन्होंने कहा कि पारा शिक्षक सड़क पर आंदोलन के लिए तैयार हैं।

5 महीने मैं मुख्यमंत्री रहा, लोकतंत्र में पार्टी की बात माननी होती हैः चंपाई सोरेन

झारखंड में 5 महीने तक सरकार चलाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि लोकतंत्र में पार्टी और गठबंधन की बात माननी होती है। उन्होंने कहा कि झारखंड में अब तक सभी दलों ने बारी-बारी से शासन किया। लेकिन, आदिवासियों के हालात नहीं बदले। इसलिए एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप की बजाय अपने राज्य और यहां के लोगों के हित में मिलकर सकारात्मक सोच के साथ काम करें। जनता की भावनाओं का आदर करें। उन्होंने कहा कि झारखंड खनिज संपदा से परिपूर्ण है। यह गरीब राज्य नहीं है। फिर भी आदिवासी और मूलवासी पिछड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड को केंद्रीय एजेंसियों ने प्रयोगशाला बनाकर रख दिया है।

हेमंत सोरेन के जवाब के दौरान विपक्ष ने किया जमकर शोर-शराबा

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बहस का जवाब दिया। कहा कि संवैधानिक प्रक्रिया के तहत हम विश्वास प्रस्ताव लाए हैं। इस बीच विपक्षी सदस्यों ने जोरदार हंगामा शुरू कर दिया। स्पीकर ने उन्हें रोका, लेकिन विपक्ष के सदस्य नहीं माने। इस बीच, हेमंत सोरेन ने बोलना जारी रखा। कहा कि मुझे फिर से इस सदन में देखकर इनको कैसा महसूस हो रहा है, इनका व्यवहार बता रहा है। उन्होंने 5 महीने तक सरकार चलाने वाले चंपाई सोरेन को धन्यवाद दिया। विश्वास मत का समर्थन करने वाले सदस्यों का भी धन्यवाद करते हुए कहा कि लोकसभा के चुनाव में देश की जनता ने इन्हें पराजित किया है। अब विधानसभा चुनाव की बारी है। इनमें से आधे भी जीतकर नहीं आएंगे। इनके षड्यंत्रों में ही इनको दफन कर दिया जाएगा। सत्ता पक्ष की ओर से उमाशंकर अकेला, प्रदीप यादव, विनोद सिंह ने बहस में भाग लिया, जबकि विपक्ष की ओर से अमर बाउरी और सुदेश महतो ने सरकार पर निशाना साधा।