लापरवाही पूर्वक वाहनों को लेकर चलते हैं तीव्र गति से चालक इंसान से लेकर पशु हो रहें ज़ख्मी गाय अपने बच्चे का इलाज करते हुए लोगों को एक तरफ खड़ा हो देख रही थी

Ajay Sharma
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* गुमला मुख्यालय में लापारवाही पूर्वक वाहनों के चालकों की तीव्रता से आम लोग हैं भयभीत आएं दिन सड़क दुर्घटना में इंसान और पशु दोनों हो रहे जख्मी*
* तीव्र गति से आ रही कार से गाय का बच्चा गंभीर रूप से घायल हुआ लोगों ने इलाज मुहैया कराई मां तो मां होती है गाय अपने घायल बच्चे का पास में खड़े होकर इलाज देखते हुए उसे ऐसा लगा जैसे उसके बच्चे की लोग मदद कर रहे हैं*

गुमला -शहर में तीव्र गति से चलते हैं बाइक से लेकर चार पहिया एवं डंपर,बस,कार, एवं मालवाहक परिणामस्वरूप इसके चपेट में सिर्फ इंसान ही नहीं बल्कि पशु भी आएं दिन जख्मी हो रहे हैं रविवार को शाम वक्त इसी तरह से तीव्र गति से एक चार पहिया वाहन से एक गाय का बच्चा थाना रोड़ पर गंभीर रूप से घायलावस्था में सड़क पर लडपने लगा और अपने बच्चे को लेकर गाय भी चिंतित हो रही थी कि उसके बच्चे का क्या होगा इस दुर्घटना की सूचना मिलते ही हिंदू एवं मुस्लिम धर्मावलंबियों ने उस घायल गाय के बच्चे को वही पर इलाज करने लगे और उसका कटे हुए भाग को स्पीच लगाया गया एवं दवा आदि लगाया गया इस दृश्य को वह गाय भी देख रही थी और चुपचाप खड़ी गाय अपने बच्चे का इलाज करते हुए देखकर ऐसी खड़ी थी कि जैसे कोई इंसान अपने बच्चे का इलाज होता देखते हैं। यहां बताते चलें कि आएं दिन गुमला मुख्यालय से 80से लेकर 90 किलोमीटर की स्पीड से फर्राटा मारते वाहनों को लेकर आम आदमी भयभीत होकर रहते हैं कि पता नहीं कब वह लापारवाह चालक आकर टक्कर मार दे और जान तक चली जाएं ऐसा नहीं है कि जिला प्रशासन द्वारा लापरवाही बरतने वाले चालकों पर कार्रवाई करते नहीं फाइन भी लगाया गया है पर उन्हें इसका कोई भय चालकों पर नहीं दिखाई दे रहा है इसलिए प्रशासन को ऐसे शहर में लापरवाही पूर्वक वाहनों को लेकर ठोक और कड़े कदम उठाने की जरूरत है। यहां बताते चलें कि खासकर पैदल चलने वाले और स्कूल आने जाने वाले छात्र छात्राओं को लेकर अभिभावक हमेशा उन लापरवाह चालकों से भयभीत हो गए हैं जो सारे यातायात नियमों की अनदेखी करते हुए सड़कों पर वाहनों को आंधी और तूफान की तरह दौड़ाते हुए बाइक,कार, ऑटो, डंपर आदि सड़क पर दौड़ती हुई गुजरती है।‌‌यहां बताते चलें कि पशु पालकों द्वारा गाय बैल बकरी को सड़क पर चरने के लिए खुला छोड़ देते हैं जबकि इसे संज्ञान में लेते हुए वैसे पशु पालकों पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है लेकिन वह सिर्फ़ कागजी कार्रवाई बन कर रह गई है।

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