आदिम जनजातियों के गांव पहुंचे गुमला उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी उनकी जन समस्याओं को लेकर आवश्यक दिशानिर्देश जारी किए

Ajay Sharma
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झारखंड/गुमला -गुमला जिला का अंतिम गांव नक्सल प्रभावित इलाका जलहन पहुंचे उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी जन्हा आदिम जनजातियों की समस्याओं को सुना और कर्मियों को समाधान के लिए त्वरित कार्रवाई करते हुए लाभ पहुंचाने का निर्देश दिया है।शनिवार की सुबह उपयुक्त कर्ण सत्यार्थी, बीडीओ दिनेश कुमार, सीओ प्रणव ऋतुराज व थानेदार अमित कुमार चौधरी के अलावे कई विभाग के पदाधिकारी पहुंचे। जहां आदिम जनजाति परिवार से मुलाकात किया।इस दौरान सड़क की समस्या ग्रामीणों को खुद उपायुक्त ने देखा और जल्द से जल्द गांव तक यथासंभव सड़क आने जाने योग्य बनाने का निर्देश विभाग को दिया है।पीने का पानी नहीं है ग्रामीण लगभग 1 किलोमीटर दूर जाकर चुवा से पानी लाते है।प्रखंड कार्यालय के द्वारा एक चूवा को कुआं का रूप दिया गया है।कुएं में पानी गंदा है जिसे देख डीसी ने कहा इस गंदे पानी को कैसे कोई पिएगा।इस दौरान पीएचडी विभाग के कनीय अभियंता रजनीश कुमार को निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी तरह से इस कुएं के पानी को फिल्टर करने का उपाय कर पीने योग्य पानी को एक सप्ताह के अंदर बनाने का निर्देश दिया है। जंगली इलाका होने के कारण बिजली की समस्या बनी रहती है जलहन गांव से सटे कुराग गांव में ट्रांसफार्मर लगा है, पर हमेशा खराब रहता है।ग्रामीण चंदा करके ट्रांसफार्मर बनाते तो है पर एक सप्ताह से ज्यादा नहीं चल सकता है। ग्रामीणों ने सोलर प्लेट गांव में लगाने का मांग किया है जिस पर उपायुक्त ने गांव के लोगो को जिम्मेवारी देते हुए कहा है कि सोलर प्लेट सिस्टम से गांव में बिजली जलेगा पर इसे चलाने के लिए देखरेख के लिए जिम्मेवारी गांव के लोगों को लेनी होगी क्योंकि यह गांव की संपत्ति होगा।

*10 वर्षो से नव प्राथमिक विद्यालय जलहन बंद है*

पंचायत समिति सदस्य रेणुका देवी ने कहा जलहन गांव में नव प्राथमिक विद्यालय है जो पिछले 10 वर्षों से बंद पड़ा है कई बार रेणुका ने प्रखंड कार्यालय से लेकर बड़े अधिकारियों को भी आवेदन देते हुए विद्यालय को चालू करने का आग्रह किया पर पिछले 10 वर्षों से विद्यालय बंद है मवेशी बांधने का काम ग्रामीण करते है।

*बिरसा आवास में पदाधिकारी से लेकर बिचौलिया हावी है*
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में 17 आदिम जनजाति परिवार हैं जिसमें से 12 लोगों का घर नहीं बना है. तत्कालीन कल्याण पदाधिकारी गणेश राम महतो के द्वारा कहा गया कि आप लोगों से घर नही बनेगा पैसा निकाल कर राजकुमार सिंह नामक व्यक्ति को दिलाया और कहा कि राजकुमार सामग्री आपके घर तक पहुंचा देगा जीसके बाद से हम लोगों ने कल्याण पदाधिकारी के समक्ष राजकुमार को पैसा दिया लेकिन हम लोगों के घर तक सामग्री नहीं पहुंचाया गया और ना ही पैसा दिया जा रहा है।

*दुर्घटनाग्रस्त होकर घायल हुए बीपीओ और ऑपरेटर अंचलाधिकारी भी चक्कर खाकर गिरे*
जलहन गांव पहुंचने में सड़क नहीं होने के कारण सुदरवर्ती इलाका में बाइक से दुर्घटनाग्रस्त होकर मनरेगा के बीपीओ अजय कुमार व कंप्यूटर ऑपरेटर विवेक कुमार घायल हो गए दोनों को हाथ में चोट आई है वहीं गांव में पहुंचने के बाद अंचलाधिकारी भी चक्कर खाकर गिर पड़े इसके बाद स्थानीय लोगों ने अंचलाधिकारी प्रणव ऋतुराज को पानी पिलाया और पंख से हवा भी होगा इसके बाद उन्हें गाड़ी पर बैठाया गया।

*पढ़ाई से कोई नाता नहीं है बच्चों को*
बच्चों को पढ़ाई से कोई मतलब नहीं है,उपयुक्त करण सत्यार्थी ने जब गांव के बच्चों से पूछा कि आप लोगों को पढ़ने का मन करता है तो बच्चों ने जवाब दिया नहीं। 20 असुर परिवार के इस गांव में कोई स्कूल नहीं रहने के कारण बच्चे कभी स्कूल नहीं गए और स्कूल से किसी तरह का कोई नाता नहीं रहा।हालत यह है कि अब बच्चा स्कूल जाना भी नहीं चाहते। हालांकि आदिम जनजाति परिवार के लोग चाहते हैं कि उनके बच्चे पढ़ लिखकर बुद्धिमान बने।

*ग्रामीणों को फिर से जाग गई है आस*
जलहन गांव 14 साल बाद में पहुंचे थे उपयुक्त कर्ण सत्यार्थी इनके पहले 2010 में गुमला के तत्कालीन उपायुक्त राहुल शर्मा जलहन गांव गए थे लेकिन तब से अब तक किसी भी तरह का बदलाव गांव में नहीं हुआ और ना हीं विकास का कार्य कराया गया। ग्रामीण दूसरी बार उपयुक्त आने के बाद काफी आस लगाए बैठे हैं कि अब हो सकता है कि गांव का विकास हो,स्कूल की सुविधा हो, आने-जाने के लिए सड़क हो, और पीने के लिए पानी मिले, इलाज के लिए अस्पताल, ग्रामीणों का उम्मीद काफी है लेकिन अब यह देखना है कि जिला प्रशासन लोगों को कितनी सुविधा मुहैया कराती है।

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