न्यूज स्केल संवाददाता
टंडवा (चतरा)। टंडवा प्रखंड क्षेत्र के कबरा पंचायत स्थित खैल्हा में वित्तीय वर्ष 2017-18 से आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण कार्य अबतक अधर में लटका हुआ है। जिससे नामांकित 30 छोटे-छोटे बच्चे अनहोनी की आशंकाओं के बीच जर्जर खपड़ैल मकान में पढ़ने को विवश हैं। मामले में सेविका कविता देवी का कहना है कि बरसात के दिनों में काफ़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, बंद पड़े भवन निर्माण को लेकर कई बार आडिट की टीम व वर्ष 2021 में तात्कालीन उपायुक्त अंजली यादव ने स्थल का निरीक्षण के पश्चात लापरवाही बरतने वाले पंचायत के कर्मियों को कड़ी फटकार लगाते हुए विभागीय कार्रवाई करने की बातें कही थी। मगर, चंद महिनों बाद उनके तबादले के साथ हीं सारा मामला पूर्ववत शिथिल हो गया। ग्रामीण टिकेश्वर कुमार, सुखदेव महतो समेत अन्य ने बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता होने की आशंका व्यक्त करते उच्चस्तरीय जांच व कार्रवाई की मांग की है। वहीं संवेदक के तौर पर काम करने वाले चौधरी महतो ने बताया कि वे ढलाई तक का भवन निर्माण कर्ज लेकर कराया है। जबकि इसके बदले अबतक महज 80 हजार रुपए हीं उसे मिले हैं। जबकी उक्त योजना की लागत लगभग 6,13,000 लाख रुपए है। जिसमें बाल विकास मद (आइसीडीएस) का 2 लाख रुपए छोड़कर मनरेगा योजना से 4,13,000 लाख रुपए की राशि का भुगतान किया जा चुका है। मुखिया निलेश ज्ञासेन ने कहा कि मामला पूर्व मुखिया के कार्यकाल का है। पूरे मामले के जांच-पडताल के पश्चात हीं कुछ कहा जा सकता है। पंसस शशि बाला ने कहा कि वित्तीय अनियमितता या विभागीय लापरवाही की भेंट भवन निर्माण चढ़ा है तो इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। इस संबंध में बीडीओ रंथु महतो ने कहा कि संबंधित कर्मियों से रिपोर्ट मांगी गई है। जांचोपरांत शीघ्र हीं अर्धनिर्मित भवन का निर्माण करा दिया जाएगा।
पांच साल से अधूरा आंगनबाड़ी भवन का निर्माण, जर्जर भवन में हो रहा संचालन
WhatsApp Group
Join Now
Leave a comment








