टंडवा (चतरा): मंगलवार को सीआइडी की जांच टीम अंचल कार्यालय में दस्तक देकर घंटों फाइलों को खंगाला। मामला फर्जीवाड़े का सहारा लेकर संगठित गिरोहों द्वारा राजस्व सत्यापन करवाकर सीसीएल से नौकरी व मुआवजा लिये जाने से जुड़ा है। इस बहुचर्चित मामले की जांच कर रही सीआइडी टीम ने ज्यों हीं दस्तक दी अंचल कार्यालय में घंटों हड़कंप मचा रहा। एक पखवाड़े के अंदर 5 जुलाई के बाद दूसरी बार जांच टीम अंचल कार्यालय से देर शाम तक घंटों फाइलों को खंगालने के बाद कई दस्तावेजों को जब्त किया है। विदित हो कि हाइप्रोफाइल संगठित गिरोहों द्वारा फर्जी दस्तावेजों के जरिए सीसीएल से 22 लोगों ने नौकरी व करोड़ों रुपए मुआवजा लेने का सनसनीखेज मामले ने पूरे सिस्टम को हिलाकर रख दिया है। जिला प्रशासन द्वारा जब गोपनीय तरीके से जांच कराई थी तब मामले का भेद खुला और कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आये। जांच रिपोर्ट में संगठित गिरोह व माफियाओं के साथ टंडवा अंचल व पिपरवार परियोजना के सीसीएल कर्मियों की संदिग्ध भूमिका बताई गई है।जिसपर भू-अर्जन पदाधिकारी वैभव कुमार सिंह ने 29 मार्च को टंडवा थाना में कांड संख्या 54/25 दर्ज कराया गया। इसी मामले को सीआइडी ने टेकओवर कर जांच कर रही है। सीआईडी टीम का नेतृत्व कर रहे डीएसपी दीपक कुमार अंचल कार्यालय में राजस्व कर्मियों से घंटों पूछताछ कर तह तक जाने के प्रयास में जुटे हैं।जांच अधिकारियों ने अनुसंधान का हवाला देकर कुछ भी बताने से इंकार कर दिया ।
जब लोगों के सामने आया हाइप्रोफाइल हेराफेरी का मामला
उपायुक्त के निर्देश पर भू-अर्जन पदाधिकारी द्वारा दर्ज कराये गये एफआईआर से पूर्व अनुमंडल पदाधिकारी सिमरिया की अध्यक्षता में गठित छह सदस्यीय जांच टीम द्वारा विस्तृत जांच रिपोर्ट जिला प्रशासन को सुपूर्द किया गया । जिसके मुताबिक सीसीएल के पिपरवार परियोजना क्षेत्र में नौकरी और मुआवजे के लिए 2018 से 2023 तक संगठित गिरोह के लोगों को जाली दस्तावेजों व फर्जी वंशावली का सत्यापन राजस्व अधिकारियों ने करके जमकर नाजायज़ फायदा उठाया। अपने अधिकारों का दुरूपयोग करते हुवे अवैध काम के बदले अधिकारियों से करोड़ों रुपये अवैध लेन-देन किये जाने के भी कयास लगाए जा रहे हैं। भूमि सत्यापन और जमीन के नक्शे में छेड़- छाड़ की गई, दस्तावेजों में ओवरलेप किया गया जिससे आधार पर अवैध मालिकाना हक साबित कर नौकरी व करोड़ों रुपए मुआवजा तक ले लिया गया।
संगठित गिरोहों के साथ अंचल व सीसीएल कर्मियों पर सांठ – गांठ का आरोप
हाइप्रोफाइल इस मामले में सीसीएल व अंचल कर्मियों की संलिप्तता ने लोगों का खूब ध्यानाकर्षण किया है। गिरोह के लोगों को चिन्हित करने में जांच एजेंसी पसीना बहा रही है। वहीं एडी चोटी का जोर लगाकर व नाटकीय ढंग से जिस तरह एक हीं जगह में चौंथी बार वर्तमान में पदस्थापित सीओ को कुर्सी पर बिठाया गया इससे सरकार और सिस्टम भी लोगों के संदेह के दायरे में है। इस मामले को लेकर इन दिनों जितनी मूंह उतनी बातें की जाती है।
फर्जी हुकूमनामा के आधार की गई जमाबंदी व निर्गत किया गया लगान
जिला प्रशासन के जांच में कमेटी ने अंचल व सीसीएल कर्मियों के कई संदिग्ध भूमिकाओं का विस्तृत उल्लेख किया है। फर्जीवाड़े में परियोजना क्षेत्र से बाहर के लोगों को नौकरी व मुआवजा दिया गया। जबकि, वैध उत्तराधिकारियों के फरियाद को जानबूझकर अधिकारी दरकिनार करते रहे। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो जांच जिस रफ्तार से आगे बढ़ रही है अगर वैसा हीं चलता रहा तो जल्द हीं इस धांधली का परत दर परत भेद शीघ्र खुल सकता है। जिससे कई संलिप्त लोगों को सलाखों के पीछे जाना तय माना जा रहा है।