
चतरा/पत्थलगड़ा। जिले के गिद्धौर, पत्थलगड़ा, इटखोरी, मयूरहंड, सिमरिया, हंटरगंज आदि प्रखंड में सरकारी आदेश का उलंघन कर गैर कानूनी रुप से सरकारी गैर मजरुआ समतल जमीन में ईट भट्ठें का संचालन किया जा रहा है। जिले के उपरोक्त प्रखंड़ों में अवैध ईंट भट्ठों का कारोबार जमकर चल रहा है। इससे खनिज विभाग को हर महीने लाखों रुपए के राजस्व की हानि हो रही है, मगर अवैध ईंट भट्ठी संचालकों पर कार्रवाई नहीं होने से संचालकों के हौसले बुलंद हैं। लाल ईंट का अवैध निर्माण कर मोटी कमाई करने में जुटे हैं माफिया। शासन-प्रशासन द्वारा आए दिन खनिज विभाग को अवैध रूप से संचालित होने वाले ईंट भट्ठों पर कार्रवाई करने का दिशा-निर्देश दिया जाता है। शहरी सहित ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों ईंट भट्ठे का कारोबार बगैर विभागीय अनुमति व रायल्टी जमा किए धड़ल्ले से चल रहा है। इससे खनिज विभाग को लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है। पत्थलगड़ा ब्लॉक के सभी पंचायतों में अवैध ईंट भट्ठों पर न तो प्रशासनिक लगाम लग पा रहा है और न ही किसी तरह रायल्टी वसूली हो पा रही है। गांवों में अवैध ईंट भट्ठों का कारोबार धड़ल्ले से जारी है। शासन-प्रशासन के नियम कायदे को ईंट भट्ठे के संचालकों ने ताक पर रख दिया है। इसके चलते वे न तो विभाग से किसी तरह अनुमति लेना जरुरी समझते न ही रायल्टी की राशि जमा करते। गांव-गांव में लोग ईंट बना रहे हैं, मगर खनिज विभाग की अनदेखी से ऐसे लोगों के खिलाप कार्रवाई नहीं हो पा रही है। इससे शासन को लाखों रुपयों के खनिज रायल्टी का नुकसान हो रहा है, जबकि लाल ईट बनाने वाले ईट भट्ठा संचालकों द्वारा कई जगह ईट भट्टे का निर्माण कर लाखों रूपयें की कमाई की जा रही है। वहीं पर्यावरण को दूषित किया जा रहा है, जबकि ईट भट्ठा के लिए पहले खनिज विभाग व पर्यावरण से इसकी मंजूरी लेकर ईट बनाने का कार्य किया जाता है। परन्तु इस क्षेत्र के रसूखदारों द्वारा बिना स्वीकृति लिए ही ईट भट्ठे का संचालन किया जा रहा है। साथ ही ईट भट्ठों में बच्चों से भी काम करवाया जात है, लेकिन बाल संरक्षण व श्रम विभाग कागजों पर आंकड़े तैयार करने में लगा है।