झारखण्ड/गुमला -परमपूज्य अघोरेश्वर महाप्रभू की जननी मां मैत्रायणी योगिनी जी के महानिर्वाण दिवस के मौके पर श्री सर्वेश्वरी समूह के स्थानीय प्रार्थना गृह में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रातः वंदना से किया गया। जिसके तहत पूर्वाह्न नौ बजे सफल योनी पाठ के पश्चात आरती एवं प्रसाद वितरण किया गयाअपराह्न में समूह की महिला संगठन के द्वारा सदर अस्पताल के प्रसूतिकक्ष में इलाजरत चालीस प्रसूति महिलाओं को कंबल,ब्रेड तथा नवजात शिशुओं को गर्म वस्त्र प्रदान किया गया। इस दौरान वहां रह रहे सभी महिलाओं के बीच अघोरेश्वर संदेश भी बांटा गया। चिकित्सीय लाभ प्राप्त कर रहे महिलाओं को संबोधित करते हुए महिला संगठन की नीता हरीतिमा ने सभी जच्चा बच्चा के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए महिलाओं को अपने तथा शिशु के बेहतर स्वास्थ्य के प्रति सदैव सजग रहने की नसीहत दी। संगठन की गायत्री महापात्र ने कहा कि मां का दूध शिशु के लिए सर्वोत्तम आहार होता है।बदलते परिवेश में महिलाएं नवजात शिशुओं को स्तनपान कराने में परहेज़ करने लगी हैं, जो शिशु के शारीरिक विकास के लिए घातक है। मां का दूध शिशु के लिए अमृत तुल्य होता है जो डायरिया जैसे जानलेवा रोग से बचाता है तथा इसमें मौजूद पोषक तत्व शिशु के रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।
इस अवसर पर महिला संगठन की नम्रता सिन्हा, नीलम केसरी, लिपिका नंदा, मीरा विश्वकर्मा, लक्ष्मी कुमारी दास, मधु सिन्हा, नीलम सोनी, अनीशा गुप्ता, माया गुप्ता, रुक्मिणी सिंह, विनीता केसरी, मांडवी रानी, कांता गुप्ता, रश्मि केसरी, आदि उपस्थित थीं।