सरकारी जमीन हेर फेर मामले में तत्कालीन अंचल अधिकारी पर गिरी गाज, राजस्व उपनिरीक्षक के मामले में दी गई अभियोजन स्वीकृति

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चतरा। उपायुक्त रमेश घोलप कार्य के प्रति लापरवाह व अनुशासनहीन पदाधिकारियों एवं कर्मियों के ऊपर सख्त दिख रहें हैं। उन्होंने चतरा जिले में पदभार ग्रहण करने के पश्चात कई लापरवाह और अनुशासनहीन पदाधिकारियों के ऊपर प्राथमिकी दर्ज करते हुए विभागीय कार्रवाई की है। इसी क्रम में तत्कालीन प्रतापपुर अंचल अधिकारी नित्यानंद दास के ऊपर पूर्व से उजागर जमीन के हेर फेर मामले, सरकारी नियम के विरुद्ध सरकारी जमीन का गलत तरीके से ऑनलाइन करने, गलत तरीके से एक मुश्त रसीद काटने एवं स्वेच्छाचारिता, मनमानेपन, अनुशासनहीनता एवं कार्य के प्रति लापरवाही के विरूद्ध गठित आरोपों के आलोक में प्रपत्र क का गठन करते हुए विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की अनुशंसा की है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन अंचल अधिकारी का इस तरह का रवैया झारखण्ड सरकारी सेवक आचार नियमावली-2001 के नियम के प्रतिकूल है। बताया गया है कि प्रतापपुर अंचल के राजस्व उपनिरीक्षक नारायण झा द्वारा जमीन के दाखिल खारिज के नाम पर अवैध राशि की वसूली से संबंधित सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो के आलोक में उपायुक्त श्री घोलप द्वारा मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच टीम गठीत की गई थी। जांच के पश्चात तत्कालीन अनुमण्डल पदाधिकारी चतरा सुरेन्द्र उरांव के द्वारा 16 अगस्त 2024 को बताया गया था कि जांच के क्रम में साकिन बभने, प्रखंड प्रतापपुर, जिला चतरा के आवेदिका के द्वारा बताया गया कि दाखिल खारिज कराने के नाम पर राशि की लेन देन की जा रही थी। उक्त मामले में राजस्व उपनिरीक्षक से घटना स्थल उनके सरकारी आवास पर जाकर उनसे पुछताछ की गई। जिसमें स्वीकारा गया कि उक्त दाखिल खारिज के एवज में पैसे की लेन देन से संबंधित जो वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रही है वह इसी जगह का है और इस वीडियो में मै ही हूं। जांच के क्रम में यह भी पाया गया कि झा प्रश्नगत भूमि से संबंधित हल्का के राजस्व उपनिरीक्षक नहीं है। झा द्वारा उक्त संबंधित हल्का के राजस्व उपनिरीक्षक नहीं रहने के बावजूद दूसरे हल्का के कार्य करने, दाखिल खारिज कराने आदि के एवज में अंचल के अन्य कर्मी, पदाधिकारी एवं अन्य व्यक्तियों की संलिप्तता की भी सम्भावना प्रतीत होती है। उक्त के आलोक में राजस्व उपनिरीक्षक, अन्य संलिप्त कर्मी, पदाधिकारी तथा संलिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करते हुए सुसंगत धाराओं के तहत विधि-सम्मत कानूनी कार्रवाई की गई है। इसे लेकर राजस्व उप निरीक्षक के मामले में अभियोजन स्वीकृति दे दी गई है। वहीं उपायुक्त श्री घोलप ने उपरोक्त जानकारी देने के साथ कहा कि किसी भी प्रकार की शिकायत किसी भी अंचल से प्राप्त होती है तो संलिप्त अधिकारियों व कर्मियों को बिलकुल ही बख्शा नहीं जाएगा।