कुंदा(चतरा)। जिले के कुंदा प्रखंड क्षेत्र के अंतर्गत ककहिया गांव में मंगलवार को वन विभाग ने आदिवासियों समेत कई अन्य परिवार के घरों पर बुलडोजर चला कर ध्वस्त कर दिया। तोड़े गए घरों में कुछ निजी रूप से बनाए गए थे व 2022 में पीएम आवास योजना अंतर्गत बनाए गए थे। ग्रामीण हरि गंझु, रमेश गंझु, जोकी गंझु, मोदन गंझु, रघुनी गंझु, शनिचर गंझु, रंजय यादव, अम्बिका यादव, सुरेंद्र यादव, सुबोध यादव, ब्रमदेव यादव, गौरी गंझु समेत कई अन्य ने काहा की बैगर कोई सूचना के वन विभाग की करवाई से हम लोग काफी हताहत हैं। पूरे परिवार को विभाग ने पलक झपकते घर से बेघर कर दिया। आदिवासियों ने कहा है कि अब हमलोगों की स्थिति ऐसी है की ना रहने को घर बचा, ना खाने को अन्न, इस हालत में हमलोगों को आत्म हत्या करने के आलावे और कोई विकल्प नही दिख रहा है। ग्रामीणों ने काहा की उक्त जमीन ख़ातियानी है, खाता प्लॉट का ऑनलाइन रसीद हमलोगों के पास है, कई पीढियांें से उक्त जमीन पर कब्जा है व जोतकोड कर जीते खाते आ रहे हैं। वही इस तरह की कारवाई से आस-पास के लोग काफी अचंभित है। ग्रामीणों ने काहा है की लाखों रुपए की संपत्ति समेत सालों भर खाने-पीने के समान मिट्टी में जमीदोज हो गया है। ग्रामीणों ने बताया की लगभग दो दर्जन मकान को वन विभाग ने ध्वस्त किया है। वहीं इस संदर्भ में वन क्षेत्र पदाधिकारी अजित कुमार ने बताया कि हाई कोर्ट के निर्देश के अनुसार यह कार्रवाई की गई है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखीर पीएम आवास कैसे प्रशासन द्वारा बनाने का आदेश दिया गया। अब जब आवास को तोड़ा गया तो सरकारी राशि का हरजाना कौन भरेगा।