न्यूज स्केल शशि पाठक
टंडवा (चतरा)। करीब डेढ़ माह पूर्व टंडवा थाना क्षेत्र अंतर्गत टंडवा-सिमरिया मुख्य सड़क किनारे स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय सेरनदाग के दो नौनिहाल छात्राओं को स्कूल के सामने हीं हुई वीभत्स सड़क हादसे में दर्दनाक मौत का मंजर विद्यार्थियों के मन मस्तिष्क में भय व असुरक्षा ने गहरा प्रभाव डा़ला है। ज्ञात हो कि अज्ञात कोल वाहन के चकमा से अनियंत्रित होकर स्कार्पियो ने दो छात्राओं को बुरी तरह से कुचंल दिया था। उक्त हादसे के बाद मौके पर पहुंचे बीडीओ देवलाल उरांव, सीओ विजय दास, थाना प्रभारी अनिल उरांव व कई जनप्रतिनिधियों ने ग्रामीणों की लिखित मांगों पर अपनी सहमति जताते हुवे सुबह के 7 बजे से शाम 7 बजे तक स्थाई नो इंट्री लगाने तथा घटनास्थल में तत्काल स्लाइड बेरिकेड उपलब्ध कराने की घोषणा की गई थी, जो पूरी तरह से खोखली दिखाई दे रही है। दुर्भाग्यवश, सेरनदाग विद्यालय समेत टंडवा-सिमरिया सड़क किनारे संचालित बिंगलात, किसुनपुर, खद्धैया, तेलियाडीह, मिश्रौल, धनगडा़ समेत कई स्कूलों व कोचिंग सेंटरों में अध्ययनरत विद्यार्थी व अभिभावकों को जानमाल की भारी चिंता सताये रहती है, वे अनहोनी को लेकर सदैव भयाक्रांत रहते हैं। वहीं घटना के बाद से सेरनदाग विद्यालय के सामने वाहनों को रोककर बच्चों को पार कराते हैं शिक्षक। इस संबंध में प्रिंसिपल विकास पाण्डेय बताते हैं कि 15 मई 2024 की वीभत्स घटना सभी स्कूली बच्चों के मन मस्तिष्क में भी गहरा प्रभाव डाला है। बच्चों के मन में बैठे भय को निकालने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। वहीं असुरक्षा व उपस्थिति में गिरावट को देखते हुवे सभी शिक्षक निर्धारित समय से पहले हीं पहुंचकर विद्यार्थियों को सड़क से पार कराने के लिए डटे रहते हैं। जबकि सुबह 7 बजे के बाद कोल माइंस में जल्दी लोडिंग कराने की आपाधापी में चलने वाले कोल वाहनों की रफ्तार काफी तेज होती है, जो जल्दी नहीं थमता। वहीं अन्य हल्के वाहन भी बमुश्किल हीं शिथिल होते हैं। इस मामले में पूछे जाने पर डीटीओ इंद्र कुमार ने कहा कि वाहनों के नियंत्रित व सुरक्षित परिचालन के प्रति जिला प्रशासन सदैव गंभीर है। नियमित अंतराल में जांच व कार्रवाई भी जारी है। थाना प्रशासन द्वारा स्लाइड बैरिकेड मुहैया कराये जाते हैं। विद्यालय प्रबंधन का अनुशंसा पत्र मिलने पर शीघ्र हीं स्थाई गति अवरोधक लगवा दी जायेगी।
हादसे में दो बच्चियों के दर्दनाक मौत ने विद्यार्थियों में डाला है गहरा असर, शिक्षक बच्चों को कराते हैं सड़क पार
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