खास रिपोर्ट गुमला संवाददाता अजय कुमार शर्मा की कलम से *कांग्रेस एवं भाजपा लोहरदगा सीट पर आमने-सामने होंगे और यदि निर्दलीय प्रत्याशी या झारखण्ड पार्टी मैदान में आई तो भाजपा एवं कांग्रेस को सेंधमारी का है खतरा*

Ajay Sharma
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झारखण्ड/गुमला -भाजपा प्रत्याशी समीर उरांव चुनावी मैदान में हैं तो वहीं कांग्रेस को प्रत्य‌ाशी चयन में अंतर्कलह का है जहां भय वहीं गठबंधन से झामुमो विधायक चमरा लिंडा यदि कांग्रेस प्रत्याशी गठबंधन देते हैं तो एक बार फिर चुनावी मैदान पर निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में‌ होगा ऐसा लोगों को अनुमान है यहां बताते चलें कि विगत लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराते- हराते पराजय का मुंह देखना पड़ा था और यह सभी चुनावी आंकड़े निर्दलीय प्रत्याशी के पक्ष में आएं मतों से जहां भाजपा की वोट-बैंक में सेंधमारी के बाद भी जीत हासिल हुई थी वहीं कांग्रेस लोहरदगा सीट पर लगातार तीन बार अपने किला की तरह समझने वाली लोहरदगा सीट पर लगातार तीन बार पराजय स्वीकार करना पड़ा था।
इस लोकसभा चुनाव 2024 में भी बड़ा फेरबदल किया गया है भाजपा ने सीटिंग प्रत्याशी सुदर्शन भगत जिन्होंने तिकड़ी बनाया इस लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी समीर उरांव चुनाव मैदान में हैं वहीं देखा जा सकता है कि कांग्रेस पार्टी से रामेश्वर उरांव एवं सुखदेव भगत लोकसभा चुनाव में भाजपा से हार चुके हैं और इस बार कांग्रेस पार्टी से या झामुमो गठबंधन में तालमेल होकर झामुमो प्रत्याशी चमरा लिंडा को टिकट दिया गया तो लोहरदगा सीट पर भाजपा झामुमो में सिधी टक्कर होगा वहीं कांग्रेस यदि प्रत्याशी घोषित कर देती है तो झामुमो विधायक चमरा लिंडा जिनका ख्वाहिश है कि लोकसभा चुनाव से टिकट झामुमो से मिले और पार्लियामेंट में एक बार जन प्रतिनिधि बनकर अनूसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट लोहरदगा से सांसद बनकर आदिवासी बहुल जिला की जनसमस्याओं को दिल्ली की सरकार में रखने का मौका हासिल हो हालांकि चमरा लिंडा एक बार निर्दलीय प्रत्याशी बनकर अपने वोट-बैंक को नापतौल कर चुके हैं और कांग्रेस भाजपा के वोट-बैंक को इधर-उधर करने की ताकत भी रखते हैं।

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