Chatra: कृषि एवं वनोपज आधारित जीविकोपार्जन विषयक पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

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कृषि एवं वनोपज आधारित जीविकोपार्जन विषयक पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

चतरा। समाहरणालय स्थित सभा कक्ष में उपायुक्त अबु इमरान की अध्यक्षता में शुक्रवार को कृषि एवं वनोपज आधारित जीविकोपार्जन विषयक पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें जिला सहकारिता पदाधिकारी नीलम कुमारी ने बताया कि कृषि एवं वनोपज जैसे धान, गेहूं, सब्जी-फल, लाह, ईमली, कोदो, कुटकी, सरगुजा, चिरौंजी, साल, आंवला, महुआ, करंज, हर्रे, बहेरा, रेशम आदि का उत्पादन, संकलन, प्रसंस्करण, अनुसंधान तथा विकास की विभिन्न गतिविधियों को सहकारी आधार पर संगठित करना, क्रय-विक्रय एवं वितरण की ऐसी व्यवस्था करना जिससे की सदस्यों को सर्वाेत्तम लाभ मिले। उपायुक्त श्री इमरान ने कहा कि राज्य में कृषि उपज के अलावा अन्य वनोत्पादों की बहुत सारी विविधता होती है। जिसमें इमली, महुआ, साल बीज, पत्ते, लाह, करंज, चिरौंजी आदि वनोत्पाद शामिल होते हैं। ये उत्पाद ग्रामीण समुदायों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि ये उनके लिए मुख्य आय स्रोत के रूप में काम करते हैं। ग्रामीण समुदायों को इन उत्पादों के लिए उचित मूल्य नहीं मिल पाता जिसके कारण उन्हें अपने जीवनस्तर में सुधार लाने का मौका नहीं मिल पाता है। बिचौलियों द्वारा उनका विभिन्न स्तर पर शोषण किया जाता है। सहकारिता का उद्देश्य है ग्रामीण समुदायों को अपने उत्पादों के लिए उचित मूल्य मिल सके और उनके जीवनस्तर में सुधार आ सके। इसके अलावा, ग्रामीण समुदायों को उनके वनोत्पादों की मार्केटिंग, उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने के बात भी कही। मौके पर वन प्रमंडल पदाधिकारी उत्तरी राहुल मीना, अपर समाहर्ता पवन कुमार मंडल, डीआरडीए निदेशक अरुण कुमार एक्का, कृषि पदाधिकारी अशोक सम्राट, आपूर्ति पदाधिकारी सलमान जफर खिजरी, जेएसएलपीएस से अनिल डुंगडुंग, जिले के सभी पैक्स के अध्यक्ष और सदस्य आदि उपस्थित थे।