इंदिरा जी एवं सरदार वल्लभ भाई पटेल जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कांग्रेस जिलाध्यक्ष चैतू उरांव ने कहा कि भारत की पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने लोगों की सुविधाएं को लेकर बैंकों का राष्ट्रीयकरण की थी

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झारखण्ड /गुमला–31 अक्टूबर 2023 दिन मंगलवार को परिसदन भवन गुमला में जिला कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष चैतु उरॉव के अध्यक्षता में तेजस्वी, गरिमामयी, ज्ञानवान, दृढनिश्चयी, गतिशील, त्वरित, प्रखरवक्ता, निर्भीक, विचारक से परिपूर्ण भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के पुण्यतिथि पर श्रद्धा सुमन फुल अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई तत्पश्चात भारत की एकता और अखंडता के प्रतीक आधुनिक भारत के शिल्पकार महान स्वतंत्रता सेनानी व भारतरत्न लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल जी के चित्र पर श्रद्धा सुमन फूल अर्पित कर जयंती मनाई गई इन दोनों महान महान व्यक्तित्व के धनी याद करते हुए उनके बताए हुए रास्ते पर हम सभी को चलते हुए देश के अखंडता संप्रभुता को बचाने के लिए संकल्प लेते हुए श्रद्धांजलि एवं जंयती मनाई गई। मौके पर चैतु उरॉव ने कहा कि देश की कई दिग्गज महिलाएं हैं जो नारी शक्ति की मिसाल हैं। इन महिलाओं का जीवन हर किसी के लिए प्रेरणा है। आज के दौर में स्त्री को शिक्षा हासिल करने, सपने देखने, करियर बनाने और आर्थिक तौर पर सशक्त बनने के लिए प्रोत्साहित करने वाली इन्हीं महिलाओं की सूची में एक नाम इंदिरा गांधी का है। इंदिरा गांधी देश की पहली और इकलौती महिला प्रधानमंत्री हैं।इंदिरा गांधी आजाद भारत की पहली महिला जिन्होंने सरकार बनाई और पूरे भारत का नेतृत्व किया। आजादी के 76 साल में इंदिरा गांधी के बाद से अब तक देश को कोई महिला प्रधानमंत्री नहीं मिली। बतौर प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपने कार्यकाल में बहुत दमदार फैसले लिए, जिन्होंने पूरे देश में क्रांति ला दी थी। जवाहरलाल नेहरू की राजनीतिक विरासत को संभालते हुए इंदिरा गांधी ने ‘गूंगी गुड़िया’ के तमगे को हटाया और दमदार महिला के रूप में खुद की पहचान बनाई1966 में भारत में महज 500 बैंक शाखाएं थीं। आम आदमी बैंक में पैसा जमा नहीं कर पाता था। बैंकों का लाभ हर वर्ग तक पहुंचाने के लिए इंदिरा गांधी ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर दिया। उनका यह फैसला देश के विकास में महत्वपूर्ण रहा, परंतु आज केंद्र की सरकार सभी बैंकों को प्राइवेट लोगों को बेचकर हम सभी लोगों को आगे बढ़ाने में बाध्य बन रही है । वरीय कांग्रेसी आशिक अंसारी वल्लभभाई पटेल की जयंती में कहा कि स्वतन्त्र भारत के महान दूरदर्शी राजनेता- प्रशासक होने के साथ साथ वे प्रतिष्ठित वकील, बैरिस्टर तथा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी थे। पटेल उन कुछेक महान नेताओं व स्वतंत्रता सेनानियों में से एक हैं जिनके न सिर्फ आजादी से पहले के बल्कि आजादी के बाद के योगदान को भी भुलाया नहीं जा सकता। आजादी मिलने के बाद सरदार पटेल ने पूरे राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें भारत का लौह पुरुष तथा भारत का बिस्मार्क भी कहा जाता है। वल्लभभाई पटेल की जयंती को देश में राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाया जाता है। वह एक मजबूत, अडिग और दृढ़ संकल्पित व्यक्तित्व के धनी थे।सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती आजादी के बाद रियासतों को देश में मिलाया महान स्वतंत्रता सेनानी लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल भारत के पहले उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री थे। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद देशी रियासतों का एकीकरण कर अखंड भारत के निर्माण में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने 562 छोटी-बड़ी रियासतों का भारतीय संघ में विलीनीकरण करके भारतीय एकता का निर्माण किया। उनकी शानदार नेतृत्व व प्रशासनिक क्षमता को ही भारत के भौगोलिक राजनैतिक एकीकरण का श्रेय दिया जाता है।मौके पर खालिद शाह, सुधीर कुजूर,हंदू भगत, फिरोज आलम, सुनिल उरांव, विष्णु राम , कलाम आलम, श्रीनिवास प्रसाद,मुख्तार आलम शागिर अली, साहेब वंशीम, अरुण पांडे, इबरार अंसारी, एडवोकेट अरुण कुमार, मणिकांत भगत, देव साहू तरुण गोप ,असलम बबलू, जास्मीन लुगुन, अनीता कुमारी,
जयंती टोप्पो रहमान अंसारी उरांव ,भूषण उरांव जैनूर खरवार अलोक उरॉव,रामचंद्रर उरॉव,शिव कुमार उरांव और काफी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता उपस्थित हुए।