एमएसएमई उद्योगों के लिए सब्सिडी 25 से बढ़ाकर 40 प्रतिशत करेगी राज्य सरकार
न्यूज स्केल डेस्क
रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार चाहती है कि एमएसएमई उद्योग को राज्य में बढ़ावा मिले। हमारी सरकार औद्योगिक इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए वर्तमान में उद्यमियों को 25 प्रतिशत सब्सिडी देने का कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि उद्योग की बेहतरी के लिए झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स की कोई अच्छी योजना हो तो हमारी सरकार एमएसएमई उद्यमियों के लिए सब्सिडी बढ़ाकर 35 से 40 प्रतिशत तक करने का कार्य करेगी। इस बार इंडिया इंटरनेशनल मेगा ट्रेड फेयर में देश के उद्यमियों के साथ-साथ विदेशों के उद्यमियों को भी भागीदारी निभाने का मौका मिला है। इस तरह के आयोजन राज्य में उद्योग को बढ़ाने का बेहतर प्रयास है। मुख्यमंत्री ने सोमवार को मोरहाबादी मैदान में झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स एवं जीएस मार्केटिंग के तत्वधान में आयोजित 14वां इंडिया इंटरनेशनल मेगा ट्रेड फेयर के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए उक्त बातें कहीं।
बेहतरीन उद्योग नीति बनाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने एक बेहतरीन उद्योग नीति बनाने का कार्य किया है। आज कई छोटे-बड़े कॉरपोरेट घरानों ने यहां निवेश की इच्छा जताई है। पिछले दिनों जमशेदपुर में एक बड़े कॉरपोरेट सेक्टर ने औद्योगिक इकाई स्थापित करने निमित्त शिलान्यास किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राज्य में औद्योगिक निवेश को लेकर झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स के साथ हरसंभव खड़ी रहेगी।
औद्योगिकीकरण का पुराना इतिहास रहा है
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड एक ऐसा प्रदेश है जहां आजादी से पहले से ही और आजादी के बाद भी झारखंड को औद्योगिक इकाईयों का साथ रहा है, चाहे वह औद्योगिक इकाईयां टाटा, बिरला हो अथवा कोल कंपनियां हो, चाहे अलग-अलग तरीके के औद्योगिक घराने हों। देश में उद्योग के क्षेत्र में क्रांति लाने वाली एचईसी भी झारखंड में ही स्थापित है। देश का पहला फ़र्टिलाइज़र फैक्ट्री भी झारखंड में ही लगा था। परंतु, सैकड़ों वर्षों के सफर में झारखंड को औद्योगिकरण के क्षेत्र में जहां खड़ा होना चाहिए था उसके अनुरूप आज नही दिख रहा है। लेकिन, हमारी सरकार राज्य में औद्योगिक निवेश के लिए लगातार कदम उठा रही है।
उद्योग को बढ़ावा देने की सभी क्षमता विद्यमान
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे राज्य में उद्योग को बढ़ावा देने की सभी क्षमतायें विद्यमान हैं। फिर भी देश में झारखंड पिछड़े राज्यों की श्रेणी में शामिल है। जबकि, देश में कई ऐसे राज्य हैं जिनके पास उतने संसाधन नहीं है, लेकिन आज वे अग्रणी राज्यों में शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि झारखंड में प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ खनिज संपदा एवं मेहनतकश लोग हैं, फिर भी हम अन्य राज्यों की अपेक्षा औद्योगीकरण के मामले में क्यों पिछड़ गए हैं, यह चिंतनीय विषय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किस प्रकार इस राज्य को आने वाले समय में एक बेहतर दिशा देकर देश के अग्रणी राज्यों में शामिल कर सकें, इसके लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स एग्रीकल्चर के क्षेत्र में भी सकारात्मक कार्य करे।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने को लेकर कई महत्वाकांक्षी योजनाएं लाई गई हैं। राज्य सरकार की सोच है कि सरकार की योजनाओं का लाभ हर वर्ग और समुदाय को मिले। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में राज्य सरकार एवं झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स बेहतरीन समन्वय बनाकर राज्य के विकास के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य करेंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री को उनकी एक लाइव पोट्रेट तस्वीर सप्रेम भेंट की गई। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने ट्रेड फेयर में लगी स्टॉल्स का परिभ्रमण भी किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष किशोर मंत्री सहित सभी सदस्य और बड़ी संख्या में उद्यमी मौजूद थे।