मयूरहंड (चतरा)। जिले के मयूरहंड प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत तिलरा मध्य विद्यालय समेत दर्जनों सरकारी प्राथमिक व मध्य विद्यालय ऐसे हैं जहां शिक्षकों का घोर अभाव है। जिसके कारण नव निहाल बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है। शिक्षकों के अभाव में बच्चों को शिक्षा के जगह सिर्फ भोजन परोसा जा रहा है। इसके बावजूद जिम्मेदार शिक्षा विभाग के पदाधिकारी मौन धारण कर बिगड़ते बच्चों के भविष्य का तमाशा देख रहे हैं। वहीं दूसरी ओर दर्जनों ऐसे सरकारी विद्यालय हैं जहां बच्चों के अपेक्षा शिक्षकों की संख्या काफी है। परंतु प्रखंड स्तर पर निगरानी करने वाले जिम्मेदार प्रखंड प्रसार शिक्षा पदाधिकारी, संकुल स्तर पर कार्यरत बीआरपी, सीआरपी को बच्चों के भविष्य से कोई लेना-देना नहीं है। वहीं शिक्षकों की माने तो दर्जनों मर्तबा शिक्षकों की कमी होने की सूचना प्रखंड से लेकर जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को लिखित दी गई है। फिर भी जिम्मेदार पदाधिकारी इस गंभीर समस्या के समाधान को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया। परिणाम स्वरूप अभिवंचित बच्चों का भविष्य शिक्षा के अभाव में अंधकार मय हो रहा है। वहीं दूसरी ओर जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों की बात करें तो वे भी भूल चूक कभी कभार विद्यालय निरीक्षण करने पहुंचे तो गुणवत्तापूर्ण बच्चों को शिक्षा मिल रही या नहीं उस ओर ध्यान देना मुनासिब नहीं समझते। केवल भोजन मिलता है कि नही ए देख कर अपनी जिम्मेवारियों से मुह मोड़ लेते हैं। दर्जनों अभिवंचित अभिभावकों ने बताया कि गरीबी के कारण अपने बच्चों को सरकारी विद्यालय पढ़ाई के लिए भेजते हैं। परंतु शिक्षक के अभाव में बच्चों को समुचित पढ़ाई नहीं हो पा रही है। जिसके कारण आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले अधिकांश बच्चे पढ़ाई में कमजोर हैं। सही से किताब पढ़ना तो दूर शुद्ध से अपना और अभिभावकों का नाम भी नहीं लिख पाते।