झारखण्ड/गुमला: मिशन बदलाव द्वारा भरनो प्रखंड अध्यक्ष सह अधिवक्ता गुमला के पंकज लोहरा के नेतृत्व में भरनो हाई स्कूल मैदान में शहादत एवं बलिदान दिवस मनाया गया,जिसमे मिशन बद्लाव के पदाधिकारीगण शामिल हुए और मिशन बद्लाव के भूषण भगत ने बताया कि आजादी के लिए 23 साल की उम्र में फांसी पर झूलने वाले भगत सिंह इंकलाब जिंदाबाद और साम्राज्यवाद मुर्दाबाद के नारे लगाते थे. वैसे आज के दिन भगत सिंह के साथ सुखदेव और शिवराम राजगुरु ने भी भारत की आजादी के लिए हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर चढ़ गए थे.मिशन बदलाव के कैप्टन अमित झा ने कहा कि देश के प्रति प्रेम के जज्बे को देखकर देश के युवाओं को भी देश की आजादी के लिए लड़ने की प्रेरणा मिली थी, मिशन बदलाव के राज कुमार ने कहा कि 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को अंग्रेजी हुकूमत ने फांसी दे दी थी. उन्हें लाहौर में षड़यंत्र के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई थी। लेकिन क्या आपको पता है कि इन तीनों शहीदों की मौत भी अंग्रेजी हुकूमत का षड़यंत्र था मिशन बदलाव संजय बरला ने कहा कि भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी 24 मार्च को देना तय था लेकिन अंग्रेजों ने एक दिन पहले ही यानी 23 मार्च को भारत के तीनों सपूतों को फांसी पर लटका दिया था।आज मिशन बदलाव भरनो के सदस्य एरिक जोसेफ,सागर उरांव, सूरज बाबू, बिनोद साहू, संतोष कुमार, बिनय प्रवीण टोप्पो, नीतीश राज लकड़ा, करमचंद उराव ,सुकरा,अजय उराव मंगरा उराव, कुलदीप महली, नकुल महतो, बिमल गोप, संजय महली उपस्थित थे।