नई दिल्ली। बिहार कोकिला के नाम से प्रसिद्ध पद्म भूषण से सम्मानित शारदा सिन्हा 72 वर्ष का मंगलवार रात निधन हो गया है। उन्होंने दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली। एम्स ने शारदा सिन्हा के निधन की पुष्टि की है। पिछले छह वर्षों से ब्लड कैंसर से जूझ रही थीं और 11 दिनों से एम्स में भर्ती थीं। पिछले दिनों उनकी तबीयत बिगड़ने पर 26 अक्टूबर को एम्स में भर्ती किया गया था। ज्ञात हो कि अपनी मधुर आवाज के लिए बिहार कोकिला के नाम से प्रसिद्ध शारदा सिन्हा को सोमवार रात से दिल्ली के एम्स में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। उनके बेटे अंशुमान सिन्हा ने दोपहर को ही इस बारे में जानकारी दी थी।
मैथिली और भोजपुरी की एक प्रसिद्ध लोक गायिका थीं शारदा सिन्हा
शारदा सिन्हा मैथिली और भोजपुरी की एक प्रसिद्ध लोक गायिका थी, जिन्हें बिहार कोकिला के नाम से भी जाना जाता है। उनके छठ पूजा के गीत बहुत लोकप्रिय हैं, लेकिन उन्होंने हिंदी फिल्मों में भी अपनी आवाज दी है। उनकी पहचान एक ऐसी गायिका की थी जो अपनी मिठास भरी आवाज से लोगों के दिलों पर छाप छोड़ती थी। पद्म भूषण से सम्मानित गायिका शारदा सिन्हा को 2017 में मल्टीपल मायलोमा कैंसर का पता चला था। हाल ही में, उन्होंने अपने पति ब्रज किशोर सिन्हा को खो दिया, जो ब्रेन हैमरेज से पीड़ित थे। दोनों ने इस साल अपनी 54वीं शादी की सालगिरह मनाई थी।
शारदा सिन्हा का नया छठ गीत सोमवार को ही जारी हुआ था
छठ गीतों की जब भी बात होती है तो पद्म भूषण से सम्मानित लोक गायिका शारदा सिन्हा का नाम सबसे पहले आता है। शारदा सिन्हा का मंगलवार रात को देहावसान हो गया। चार दिन का महापर्व छठ नहाय खाय के साथ मंगलवार से शुरू हो गया। जब उनका इलाज चल रहा था तो सोमवार को उनके द्वारा गाए नए छठ गीत दुखवा मिटाईं छठी मैया, रउए आसरा हमार जारी किया गया। सोमवार को एम्स से ही गीत जारी हुआ था।