न्यूज स्केल डेस्क
रांची। झारखण्ड राज्य दफ़ादार – चौकीदार पंचायत द्वारा पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार चौकीदार दफ़ादारों की 6 सूत्री लम्बित माँगों को लेकर झारखण्ड विधानसभा रांची के समक्ष एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता राज्याध्यक्ष कृष्ण दयाल सिंह ने की और इसका संचालन प्रदेश सचिव संजीव कुमार ने किया। 6 सूत्री मांगों में सेवा विमुक्त चौकीदारों को पुनः सेवा में योगदान कराने हेतु सभी उपायुक्तों को आदेश देना, 1 जनवरी 1990 के पूर्व और बाद में सेवानिवृत्त चौकीदार दफ़ादारों के आश्रितों की नियुक्ति पूर्व नियुक्ति प्रक्रिया के अनुसार नियुक्त करने का आदेश सभी उपायुक्तों को देना, चौकीदारों के रिक्त पदों पर विज्ञापन निकालकर नियुक्ति करने पर रोक लगाना, झारखण्ड चौकीदार संवर्ग नियमावली 2015 के आलोक में 100 से 120 आवासीय घरों पर बीट सृजित करना, सेवा-विमुक्त सभी चौकीदारों को पुनः सेवा में योगदान कराने और 1 जनवरी 1990 के पूर्व और बाद में सेवानिवृत्त चौकीदार-दफ़ादारों के आश्रितों की नियुक्ति पूर्व नियुक्ति प्रक्रिया के अनुसार करने हेतु भारतीय संविधान के अनुच्छेद 16 (4) की भावना के आलोक में तत्काल अध्यादेश जारी करना, वर्दी भत्ता प्रतिवर्ष 10 हज़ार रुपये देना , स्वैछिक सेवनिवृती का लाभ देना, 31.12.1989 को सेवानिवृत्त चौकीदार दफ़ादारों के आश्रित की नियुक्ति झारखंड कैबिनेट द्वारा पारित संकल्प के आलोक में करना प्रमुख है। धरना-प्रदर्शन को संबोधित करते हुए राज्य अध्यक्ष कृष्ण दयाल सिंह ने कहा कि सेवानिवृत्त चौकीदार दफादार और सेवा विमुक्त चौकीदारों के रिक्त पदों पर विज्ञापन निकालने पर तत्काल झारखंड सरकार रोक लगावें। श्री सिंह ने कहा कि झारखंड चौकीदार संवर्ग नियमावली 2015 की कंडिका 2(9) के आलोक में 100 से 120 आवासीय घरों पर नया बीट सृजित कर नए बीटों पर विज्ञापन निकाला जा सकता है। श्री सिंह ने कहा कि यदि चौकीदार -दफादारों के पुराने बीटों पर विज्ञापन निकाला गया तो सेवानिवृत्त चौकीदार और सेवा विमुक्त चौकीदार बहाल नहीं हो पाएंगे और इसका सीधा असर जनहित एवं राज्यहित पर पड़ेगा क्योंकि पुश्त-दर-पुश्त एक ही परिवार से चौकीदारी करने के कारण इनकी सूचना जनहित एवं राज्यहित में बहुत महत्वपूर्ण होती है। श्री सिंह ने बताया कि चौकीदारी व्यवस्था में 95% अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग (1+2) के लोग पुश्त-दर-पुश्त से काम करते आ रहे हैं। चौकीदार-दफ़ादारों का जितना पद रिक्त है उसका 95% इन्हीं वर्गों से रिक्त है। विज्ञापन निकालने पर स्वीकृत पदों पर आरक्षण रोस्टर लगाया जा रहा है जिसके कारण सेवानिवृत्त चौकीदार-दफादारों के आश्रित और सेवा विमुक्त चौकीदार 2 % भी नियुक्त नहीं हो पाएंगे। पुश्त-दर-पुश्त एक ही परिवार से काम करने के कारण इनकी सूचना जनहित और राज्यहित में बहुत महत्वपूर्ण होती है इसलिये चौकीदार-दफ़ादारों के रिक्त बीटों पर विज्ञापन न निकालकर 100 से 120 घरों पर नया बीट सृजित कर के नए बीटों पर आरक्षण रोस्टर लगाया जाए और इन नए बीटों पर विज्ञापन निकाला जा सकता है। श्री सिंह ने झारखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन से मांग की है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 16(4)की भावना के आलोक में सेवा विमुक्त चौकीदारों को पुनः सेवा में योगदान कराने और 1 जनवरी 1990 के पूर्व और बाद में सेवानिवृत्त चौकीदार दफादार घटवार दिगवार और सरदारों के आश्रितों की नियुक्ति पूर्व नियुक्ति प्रक्रिया के अनुसार करने हेतु तत्काल अध्यादेश जारी करें अन्यथा चौकीदारी व्यवस्था मे पुश्त-दर-पुश्त से कार्यरत 95% अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्गों के लोग इस व्यवस्था से बाहर हो जाएंगे।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्रदेश सचिव संजीव कुमार ने कहा कि बढ़ती महंगाई को देखते हुए प्रतिवर्ष चौकीदार दफ़ादारों को दस हजार रुपये वर्दी भत्ता देने की मांग झारखंड सरकार के गृह सचिव से की है। श्री कुमार ने कहा की कई जिलों में लगभग दस वर्षों से वर्दी भत्ता नहीं मिला है। सभी बकाया जोड़कर भुगतान करने की मांग की है ।
धरना प्रदर्शन को संबोधित करने वालों में सुरेश राम, एतवा उरांव, संजीव कुमार, संयुक्त सचिव शमशुल अंसारी,उमेश पासवान नेजावत अंसारी, सीता उरांव, अनिल कुमार पासवान, शिबू पहाड़िया, रामकिशुन गोप, निजेन कुमार सिंह, बाटुल चन्द महतो, किशोर कुमार महली, काशी तुरी, नारायण भोक्ता, कमल यादव, सुरेन सिंह, छोटन सरदार, मोहम्मद नसीम, घुनुवा तुरी, मिथिलेश यादव, संतोष तुरी, प्रफुल्ल तांती आदि प्रमुख थे।