चतरा। उपायुक्त कीर्तिश्री जी बुधवार को बालिका आश्रय गृह, उंटा व बालक गृह चतरा का निरीक्षण कर उपलब्ध व्यवस्थाओं से अंवगत हुई। बालिका आश्रय गृह के निरीक्षण के दौरान गृह में आवासित बच्चियों से मिल कर उनके स्वास्थ्य, खानपान, रहन-सहन एवं शिक्षा से संबंधित सभी बिंदुओं पर चर्चा की। साथ ही आवासित 8 दिव्यांग किशोरियों के मानसिक, बौद्धिक विकास हेतु रिनपास रांची के समीप आश्रय गृह में आवासित कराने पर भी चर्चा की। बताया गया कि चतरा जिले में कोई भी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ नहीं होने के कारण बालिकाओं का सिर्फ भरण-पोषण ही हो पा रहा है। जबकि इनके मानसिक स्वास्थ्य के विकास पर भी ध्यान दिया जाना अनिवार्य है। साथ ही प्राइवेट भवन में संचालित बालिका आश्रय गृह को सरकारी भवन में शिफ्ट करने का निर्देश दिया गया। वहीं बालक गृह, चतरा के निरीक्षण के दौरान गृह में रह रहे सभी बच्चों से विशेष मुलाकात कर उनके स्वास्थ्य, खानपान, शिक्षा एवं बच्चों की दैनिक कार्यों से संबंधित जानकारी प्राप्त की गई। बालक गृह के अधीक्षक ओमप्रकाश कुमार के द्वारा बच्चों के दैनिक कार्यों से संबंधित समय-सारणी की जानकारी दी गई। वहीं 10 जून 2025 को मानव तस्कर गिरोह के द्वारा रोजगार दिलाने के नाम पर 30 लोगों को अन्य राज्यों में पलायन करवाया जा रहा था, जिसमें कुल 12 नाबालिग बच्चे भी शामिल थे। जिन्हें बाल संरक्षण के अधिकारियों द्वारा रेस्क्यू कर बालक गृह, नगवां चतरा में आश्रय दिया गया है। उन बच्चों से भी मुलाकात कर मामले की जानकारी प्राप्त की गई। उपायुक्त ने चतरा कॉलेज चतरा में बन रहे पुस्तकालय के निरीक्षण के क्रम में निर्देशित किया कि पुस्तकालय निर्माण कार्य में जो भी सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है उसकी गुणवत्ता का खास ख्याल रखा जाए तथा अन्य कई निर्देश भी दिये। निरीक्षण में डीसी के साथ उप विकास आयुक्त अमरेंद्र कुमार सिन्हा, जिला नियोजन पदाधिकारी मन्नू कुमार, जिला खेल पदाधिकारी सह जनशिकायत कोषांग के नोडल पदाधिकारी तुषार रॉय, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी अरुणा प्रसाद समेत अन्य संबंधित पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे।