प्रतापपुर (चतरा)। रोजी-रोटी की तलाश में ढाई दर्जन मजदूरों के बाहर पलायन करने सूचना पर पुलिस टीम ने प्रतापपुर थाने क्षेत्र से कार्रवाई करते हुए 18 बालिग व 12 नाबालिगों को महारानी बस से रेस्क्यू किया। बाहर पलायन करने वाले मजदूरों को प्रतापपुर थाना लाकर अंचलाधिकारी विकास कुमार टुड्डू, पुलिस इंस्पेक्टर अमरदीप कुमार, थाना प्रभारी कासिम अंसारी, कुंदा थाना प्रभारी प्रिंस कुमार, अंचल निरीक्षक नगीना राम के उपस्थिति में पूछताछ की गई। हालांकि पूछताछ के क्रम में कोई नानी घर, तो कोई मौसी घर, कोई घूमने तो कोई कुछ का बहाना बनाकर अपनी बातों को बताया। वहीं थाना प्रभारी ने पलायन कर रहे नाबालिग की सूचना जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी को दी गई। तत्पश्चात संरक्षण पदाधिकारी लक्ष्मण गुप्ता एवं चाइल्ड हेल्पलाइन के अनिल वर्मा थाना पहुंचकर रेस्क्यू किए गए नाबालिगों से पूछताछ की। जबकी ज्ञात हो कि बच्चों से थाने में पूछताछ किशोर न्याय अधिनियम विपरीत है। ताजूब की बात यह रही की बाल संरक्षण पदाधिकारी एवं चाइल्ड हेल्पलाइन के सदस्य ने बगैर किशोर न्याय अधिनियम व आदर्श नियम की प्रक्रिया का पालन किए सभी पुलिस द्वारा रेस्क्यू किए गए बारह नाबालिग बच्चों को अपने जिम्माले लिया। इस संबंध में अनिल वर्मा ने बताया कि मंगलवार की रात्रि सभी को सेंलटर होम चतरा में रखा जाएगा और बुधवार को सीडब्लूसी के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
रोजगार की तलाश में पलायन कर बाहर जा रहे 30 को पुलिस ने बस से किया रेस्क्यू, एक दर्जन हैं नाबालिक, बाल संरक्षण की योजनाएं बाल श्रम रोकने में विफल?

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