पेयजल एवं स्वच्छता की लापरवाही, शोभा की वस्तु बनी जल मीनार

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कुंदा(चतरा)। जिले के कुंदा प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न पंचायतों में पेयजल की समस्या दुर करने के उद्देश्य से सरकार ने महत्वाकांक्षी नल जल योजना लागू किया था। लेकिन श्रेया इंफ्रास्ट्रक्चर संवेदक की मनमानी और विभागीय पदाधिकारी की लापरवाही के कारण कुंदा प्रखंड क्षेत्र बजरहि भुइयां टोली में सिर्फ स्ट्रक्चर खड़ा कर छोड़ दिया गया है। वहीं प्रखंड क्षेत्र में अधिकतर जल मीनार दम तोड़ रहे हैं। एक ओर सरकार करोड़ों रुपया खर्च कर ग्रामीणों के प्यास बुझाने के लिए जलमीनार लग रही है, तो दूसरे ओर जलमीनार खुद प्यासे पडे हैं। ग्रामीणों के अनुसार कई जगह जल मीनार लगने के साथ खराब हैं, तो कई जगह सिर्फ टंकी लगाकर छोड़ दिया गया है। कई जगहों पर तो घर-घर नल जल नहीं पहुंचाया गया है। वहीं कई जगह पर ड्राइ बोरिंग में ही मोटर लगा दिया गया। जिसके कारण पेय जल समस्या ग्रामीणों के बीच जस की तस बनी हुई है। बोधडीह पंचायत में नल जल योजना का कार्य 2022- 2023 में किया गया था। जिससे लोगों में थोड़ी उम्मीद जगी थी की अब हम लोगों को पानी की समस्या से निजात मिल जाएगा। लेकिन 2 साल बीत जाने के बाद भी लोगों को पानी एक बूंद भी नसीब नहीं हो पा रहा है। बोधडीह पंचायत का हाल यह है कि कहीं मोटर नहीं लगाया गया है, तो कहीं पाइप नहीं लगाया गया है। यही नहीं कहीं टंकी भी नहीं लगाया गया है। ऐसे में ग्रामीणों ने जिला प्रशासन के साथ स्थानीय सांसद और विधायक से पहल करते हुए जल मीनारों को दुरुस्त कराने व पेयजल की समस्या के समाधान कराने की मांग की है।