*जिला उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अनूठी पहल “शिक्षा कर भेंट” से शिक्षा में सुधार* *उपायुक्त भी ले रहे है विद्यालयों में जाकर बच्चों का क्लास* *आज उपायुक्त ने टोटो स्थित राजकीयकृत उत्क्रमित +2 उच्च विद्यालय का किया दौरा, बेहतर पढ़ने वाले छात्रों को किया पुरस्कृत* *11 नवंबर को होगा टोटो विद्यालय में पेरेंट्स टीचर मीटिंग का आयोजन , अभिभावकों से अपील है कि पूर्वाह्न 11 बजे विद्यालय के इस मीटिंग में अवश्य शामिल हो*

Ajay Sharma
2 Min Read

झारखण्ड/गुमला-शिक्षा को नई दिशा देने के उद्देश्य से जिला उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की पहल “शिक्षा कर भेंट” के तहत जिले में शिक्षा के स्तर को सुधारने की कोशिश जारी है। इस पहल के तहत वरीय अधिकारी और पुलिस कर्मी नियमित रूप से जिले के उच्च विद्यालयों का दौरा कर बच्चों के साथ संवाद कर रहे हैं।

इसी क्रम में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने टोटो स्थित राजकीयकृत उत्क्रमित +2 उच्च विद्यालय का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कक्षा 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों से मुलाकात की, उनकी शैक्षणिक प्रगति की समीक्षा की और उनकी जरूरतों को समझा। उपायुक्त ने हाल ही में आयोजित परीक्षा के अंकों का विश्लेषण करते हुए पाया कि अंग्रेजी और गणित विषयों में सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने जिले के श्रेष्ठ अंग्रेजी शिक्षकों को विद्यालय में अतिरिक्त कक्षाएं लेने के निर्देश दिए।

*पेरेंट्स-टीचर मीटिंग का आयोजन*
इस पहल को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए दिनांक 11 जनवरी, शनिवार को पूर्वाह्न 11: 00 बजे विद्यालय परिसर में एक पेरेंट्स-टीचर मीटिंग आयोजित की जाएगी। उपायुक्त ने सभी अभिभावकों से अपील की है कि वे इस बैठक में अवश्य शामिल हों और बच्चों की शैक्षणिक प्रगति पर चर्चा करें।

*बच्चों के बीच पढ़ाई के प्रति उत्साह*
उपायुक्त ने बच्चों के हॉलिडे होमवर्क की समीक्षा की और जिन बच्चों ने होमवर्क पूरा नहीं किया था, उन्हें सोमवार तक का समय दिया। बच्चों को प्रेरित करने के लिए उपायुक्त ने स्वयं कक्षा में पढ़ाया और उनके होमवर्क से जुड़े प्रश्न पूछे। उन्होंने पिछली बार की गई परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया, जिससे बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि और बढ़ी।

उपायुक्त की इस पहल ने न केवल विद्यार्थियों में आत्मविश्वास बढ़ाया है, बल्कि शिक्षकों और अभिभावकों को भी शिक्षा में सुधार की दिशा में मिलकर काम करने के लिए प्रेरित किया है। “शिक्षा कर भेंट” जैसे प्रयासों से गुमला जिले में शिक्षा का स्तर निश्चित रूप से और ऊंचा होगा।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *