महिला-पुरुष सड़क पर उतरे, की कोल वाहनों पर नो एंट्री लगाने की मांग, उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन, 15 दिनों के अंदर अमल में लाने पर करेंगे व्याप्क आंदोलन

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न्यूज स्केल संवाददाता
चतरा/टंडवा। जिले के टंडवा प्रखंड क्षेत्र में कोल वाहनों के परिचालन से सड़क दुर्घटनाओं में अप्रत्याशित वृद्धि व भारी प्रदूषण रोकने में प्रशासनिक विफलता को लेकर आमलोगों में आक्रोश चरम पर है। मंगलवार को प्रमुख रीना कुमारी के नेतृत्व में 15 गांवों के सैंकड़ों महिला-पुरुषों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर उपायुक्त को तीन सूत्री ज्ञापन सौंपा। जिसमें आम आवाम की मांगों को ध्यानाकर्षित कराया गया है।पत्र में कहा गया है कि टंडवा-कल्याणपुर मार्ग से अनियंत्रित कोल परिचालन के कारण अबतक सैंकड़ों दर्दनाक मौतें हुई हैं, जिससे स्कूली बच्चे व स्थानीय ग्रामीण भयाक्रांत रहते हैं। सीसीएल व एनटीपीसी प्रबंधन द्वारा ट्रांसपोर्टिंग के लिए अपना अलग सड़क नहीं बनाया गया है। दूसरी ओर भारी संख्या में कोल वाहनों का परिचालन ग्रामीण सड़कों से हीं किया जा रहा है। नशेड़ी चालक वाहनों को चलाते हैं जो गति सीमा व सुरक्षा का बिल्कुल ध्यान हीं नहीं रखते। वहीं जहरीले राख व कोयले के धूलकणों से ग्रामीणों के जन-जीवन पर गंभीर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। अलग ट्रांसपोर्टिंग सड़क का निर्माण समेत अविलंब दिन में पूर्णतया नो इंट्री लगाने की मांग की गई है। पत्र की प्रतिलिपि डीटीओ, एसडीओ, एसपी, थाना प्रभारी व स्थानीय विधायक को दी गई है। बताया गया कि जिला प्रशासन द्वारा समुचित संज्ञान लेने का भरोसा दिया गया है। ज्ञात हो कि नो एंट्री व समरुप मुआवजा संबंधित संचिका उपायुक्त के पास पिछले कई महिनों से विचाराधीन है। लेट लतीफी से आजीज होकर ग्रामीणों में अब आक्रोश की चिंगारी अंदर हीं अंदर सुलग रही है। उक्त आंदोलन को पूरे टंडवा क्षेत्र में व्यापक जनसमर्थन भी मिल रहा है। स्मरण हो कि पिछले दिनों उक्त मुद्दे पर हुवे कई राजनीतिक आंदोलन व अल्टीमेटम ताश के पत्तों की तरह बिखरकर मामला ठंडे बस्ते में चला गया जिससे लोगों का मोहभंग हो गया है। मौके पर अनिता देवी, सुशीला देवी, सरस्वती टोप्पो, समीर तिर्की, शंकर टाना भगत, करमा गंझू, हिरालाल उरांव, सुको देवी समेत सैंकड़ों लोग मौजूद थे।