
न्यूज स्केल संवाददाता
कुंदा(चतरा): केंद्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा गरीबों को पक्का मकान मुहैया कराए जाने का दावा जिले के कुंदा प्रखंड में घेषणओं तक ही सिमट कर रह गया है। वास्तविकता यह है कि पदाधिकारियों के उदासीनता के कारण कुंदा प्रखंड के कुंदा पंचायत में कई ऐसे गरीब परिवार है जो आज भी टूटे कच्चे मकान में रहने को मजबूर हैं। इनके कच्चे मकान को देखकर सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकारी दावे में कितनी सच्चाई है। मेदवाडीह भुइयां टोली (हथिया पत्थर) निवासी जमदेव भारती, बिजुली भारती, शांति देवी, बबिता देवी, संगीत देवी समेत अन्य भारती परिवारों ने बताया की पक्का आवास देखने को आंखें तरस गई हैं। कई बार सुनने को मिलता की पक्का आवास मुहैया कराया जाएगा, लेकिन सिर्फ कानों तक ही सीमित रह जाती है। अबुवा आवास योजना में जब आवेदन किया तो एक बार फिर उम्मीद जागी पक्के घर की, लेकिन पदाधिकारियों के अनियमिता के कारण नाम सूची में नीचे कर दिया गया। जिसके कारण आज भी टूटे-कच्चे मकान में रहने को विवश हैं।